श्रीनृसिंह पूजन विधि नृसिंह जयन्ती इस वर्ष 17 मई 2019 को है । वैष्णव भक्तों को इस दिन नृसिंह जी की षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना करनी चाहिए । इस दिन भगवान् नृसिंह की पूजा करने से उनकी विशिष्ट कृपा प्राप्त होती है । पूजन विधि:- पूजाकक्ष या किसी अन्य कक्ष में चौकी पर पीला रेशमी… Read More


धनत्रयोदशी पर यमदीपदान धनत्रयोदशी पर करणीय कृत्यों में से एक महत्त्वपूर्ण कृत्य है, यम के निमित्त दीपदान । निर्णयसिन्धु में निर्णयामृत और स्कन्द-पुराण के कथन से कहा गया है कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को घर से बाहर प्रदोष के समय यम के निमित्त दीपदान करने से अकालमृत्यु का भय दूर होता है ।… Read More


शरत्-पूर्णिमाः ‘लक्ष्मी-इन्द्र-कुबेर-पूजन’ ‘आश्विन पूर्णिमा’ में “प्रदोष-लक्ष्मी-पूजन’ 1.  सायं-काल यथा-शक्ति पूजा-सामग्री को एकत्र कर पवित्र आसन पर बैठे। आचमन कर दाएँ हाथ में जल-अक्षत-पुष्प लेकर ‘संकल्प’ करे। यथा- ॐ अस्य रात्रौ आश्विन-मासे-शुक्ल-पक्षे पूर्णिमायां तिथौ अमुक-गोत्रस्य अमुक-शर्मा (वर्मा या दासः) मम सकल-दुःख-दारिद्र्य-निरास-पूर्वक लक्ष्मी-इन्द्र-कुबेर-पूजनं अहं करिष्यामि (करिष्ये)।… Read More


विजया-दशमी ‘आश्विन शुक्ल पक्ष’ की दशमी को ‘विजया-दशमी’ का पर्व होता है। ‘ज्योतिर्निबन्ध ‘ में लिखा है कि ‘आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये । स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये ॥’… Read More


अपराजिता – पूजा (निर्णयामृत ) – आश्विन शुक्ल दशमीको प्रस्थान करने के पहले अपराजिता का पूजन किया जाता है । उसके लिये अक्षतादि के अष्टदल पर मृत्तिका की मूर्ति स्थापन करके – ‘ॐ अपराजितायै नमः’ इससे अपराजिता का, ( उसके दक्षिण भागमें )… Read More