श्रीबगलाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् श्रीबगलाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् ।। श्रीनारद उवाच ।। भगवन्, देव-देवेश ! सृष्टि-स्थिति-लयात्मकम् । शतमष्टोत्तरं नाम्नां, बगलाया वदाधुना ।।… Read More
बगलामुखी मन्त्र वृहत् उत्कीलन विधानम् बगलामुखी मन्त्र वृहत् उत्कीलन विधानम् इसको नित्य करने की आवश्यकता नहीं है, पर्वादि में या पुरश्चरण काल में अवश्य करना चाहिये । विनियोगः- ॐ अस्य श्री उत्कीलन मंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, वृहत् गायत्री छंदः, सूचीमुख्यै देवता, ॐ ऐं क्लीं ह्लीं ह्लीं ऐं अं बीजाय, ब्रह्म-ग्रंथिं उत्कीलय शक्तिः, ॐ ब्लूं ह्लौं ह्लं ह्लीं ह्लां ॐ कीलकं, श्रीं… Read More
बगलामुखी मातृका || बगलामुखी मातृका || ॐ ह्ल्रीं श्रीं अं बगलामुख्यै नमः शिरसि । ॐ ह्ल्रीं श्रीं आं स्तम्भिन्यै नमः मुखे । ॐ ह्ल्रीं श्रीं इं जिभृण्यै नमः दक्षनेत्रे ।… Read More
ब्रह्मास्त्र उपसंहार विद्या ब्रह्मास्त्र उपसंहार विद्या यदि शत्रु भी बगला ब्रह्मास्त्र का ज्ञाता है, परप्रयोग भारी है तो यह कालरात्रि का मंत्र शीघ्र काम करता है, कृत्या व शत्रु शक्ति को सम्मोहित कर निष्प्राण कर शिथिल कर देता है ।… Read More
ब्रह्मास्त्र महा विद्या श्रीबगला स्तोत्र ब्रह्मास्त्र महा विद्या श्रीबगला स्तोत्र विनियोगः- ॐ अस्य श्रीब्रह्मास्त्र-महा-विद्या-श्रीबगला-मुखी स्तोत्रस्य श्रीनारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्री बगला-मुखी देवता, ‘ह्ल्रीं’ बीजं, ‘स्वाहा’ शक्तिः, ‘बगला-मुखि’ कीलकं, मम सन्निहिता-नामसन्निहितानां विरोधिनां दुष्टानां वाङ्मुख-गतीनां स्तम्भनार्थं श्रीमहा-माया-बगला मुखी-वर-प्रसाद सिद्धयर्थं पाठे विनियोगः ।… Read More
पीताम्बरा पञ्चास्त्र मंत्राः पीताम्बरा पञ्चास्त्र मंत्राः पीताम्बरा के पाँच विशेष उग्र मंत्र हैं, जो शत्रू समूह को नष्ट करने में समर्थ हैं । १॰ वडवामुखी, २॰ उल्कामुखी, ३॰ जातवेदमुखी, ४॰ ज्वालामुखी तथा ५॰ वृहद्भानुमुखी ।… Read More
बगलामुखी कवचम् बगलामुखी कवचम् (रुद्रयामले) ।। श्री भैरवी उवाच ।। श्रुत्वा च बगलापूजां स्तोत्रं चापि महेश्वर । इदानीं श्रोतुमिच्छामि कवचं वद मे प्रभो ।। १ ।। वैरिनाशकरं दिव्यं सर्वाऽशुभविनाशनम् । शुभदं स्मरणात् पुण्यं त्राहि मां दुःखनाशन ।। २ ।।… Read More
श्री ब्रह्मास्त्र बगला वज्र कवचम् श्री ब्रह्मास्त्र बगला वज्र कवचम् ।। श्री ब्रह्मोवाच ।। विश्वेश दक्षिणामूर्ते निगमागमवित् प्रभो । मह्यं पुरा त्वया दत्ता विद्या ब्रह्मास्त्रसंज्ञिता ।। १ तस्य मे कवचं बूहि येनाहं सिद्धिमाप्नुयात् । भवामि वज्रकवचं ब्रह्मास्त्रन्यासमात्रतः ।। २… Read More
श्री बगला प्रत्यंगिरा कवचम् श्री बगला प्रत्यंगिरा कवचम् ।। श्री शिव उवाच ।। अधुनाऽहं प्रवक्ष्यामि बगलायाः सुदुर्लभम् । यस्य पठन मात्रेण पवनोपि स्थिरायते ।। प्रत्यंगिरां तां देवेशि श्रृणुष्व कमलानने । यस्य स्मरण मात्रेण शत्रवो विलयं गताः ।।… Read More
श्रीबगला पञ्जर स्तोत्र श्रीबगला पञ्जर स्तोत्र (यह स्तोत्र शेवागम-सारोक्त है । इसी स्तोत्र के उपयोग से मथुरा (उ॰प्र॰) के प्रख्यात स्व॰ विष्णु भट्ट अथर्ववेदी ने विपुल यशार्जन किया था) इस स्तोत्र के सहस्र (एक हजार) पाठ सिद्धि-प्राप्ति के लिए पहले करने चाहिए । फिर सौ पाठ अनुष्ठान कार्य-सिद्धि के लिए करना चाहिए । नित्य कर्म करके स्व-शरीर-रक्षार्थ इस… Read More