फूल मोहन शाबर मन्त्र मन्त्र (१) —  “ॐ नमो कामरू देश कामाक्षा देवी, तहाँ बसे इस्माइल जोगी । इस्माइल जोगी ने लगाई फुलवारी, फूल बीने लोना चमारी, जो इस पुल की सूँघे बास, तीसका जीव हमारे पास । घर छोड़े आंगन छोड़े, लोक-कुटुम्ब की लज्जा छोड़े । दुहाई लोना चमारों की । दुहाई धनवन्तरी की, छू… Read More


गुड़ मोहन शाबर मन्त्र विधिः- सर्वप्रथम मद्य, गुड़ की लपसी, कलेजी या मांस यह सब सामग्री एकत्र कर ‘पूजा’ के कमरे में रखे । फिर स्वच्छ कमरे में स्नानादि कर आसन पर बैठे । एक लकड़ी के पाटे के ऊपर वस्त्र बिछा कर उसके ऊपर ‘दीपक’ जलाए । लोबान की धूनी रखे । एक पात्र… Read More


लड्डू सम्मोहन शाबर मन्त्र विधिः- गणेश जी की मूर्ति बनाए । बाद में गणेश जी का व्रत करे । मूर्ति की पूजा करे । धूप-दीप-फल-फूल चढ़ाए । फिर यथाशक्ति उक्त मन्त्र का ‘जप’ करे । नैवेद्य में २१ लड्डुओं को अर्पित करे । प्रत्येक लड्डू पर ११-११ बार मन्त्र जप’ कर अभिमन्त्रित करे । इन… Read More


तेल मोहन मन्त्र विधिः- दीपावली की रात्रि में इस मंत्र का रात्रि भर जप करें। फिर इस मन्त्र द्वारा 21 बार तैल अभिमन्त्रित कर अपने मस्तक पर तिलक लगाकर जिस जगह भी जाये वह सभी मोहित होंगे।… Read More


लौंग मोहन मन्त्र मन्त्रः- “ॐ० सत्य नाम आदेश गुरू का॥ लौंग-लौंग मेरा भाई ॥ इन ही लौंग ने शक्ति ॥ चलाई पहला लौंग॥ राती माती दूसरा ॥ लौंग जीवन माती। तीसरा लौंग अंग मरोड़े । चौथी लौंग दोऊ कर जोड़॥ चारों लौंग जो मेरी खाय ॥ फलाना के पास ॥ सों फलाना कने आ जाए।… Read More


लौंग मोहन मन्त्र मन्त्रः- “जल की योगिनी ॥ पालेकल का नाम॥ जिसपे भेजूँ तिसपें लाग ॥ सोते सुख न॥ बैठे सुख ॥ फिर फिर॥ देखो हमारा मुख॥ मेरी बांधी जो छुटे ॥ तो बाबा नाहर सिंह ॥ की जटा छूटे। ॥… Read More


दृष्टि मोहन मंत्र विधि – इस मंत्र का 108 बार जाप करते हुए यदि किसी स्त्री से नजर मिलायी जाये तो वह वशीभूत हो जाती है। मंत्र का प्रयोग करने से पूर्व किसी भी शुभ मुर्हत में इस मंत्र को विधिपूर्वक सिद्ध अवश्य कर लेना चाहिए।… Read More


सिन्दूर मोहन शाबर मन्त्र विधि – सर्वप्रथम एक चाँदी की डिब्बी में “कामिया सिन्दूर” लेकर छत पर या किसी खुले स्थान में पूर्णमासी की सारी रात्रि में छोड़ दें। यह इस प्रकार से डिब्बी को खुली रखें कि इस पर सारी रात चाँदनी पड़ती रहें । सूर्योदय से पूर्व ही इसे उठा लायें और सिरहाने… Read More


इत्र-मोहिनी मन्त्रः- “काला भैंरु, बावन वीर, पर-त्रिया से कर दे सीर । पर-त्रिया छ: अगन कँवारी, पर जोबन में लागे प्यारी । चम्पा के फुल जू आवे बास, घर का धणी की छोड़ दे आस । कपड़ा से बाद भरावे, अङ्ग से अङ्ग मिलावे । तीजी घड़ी-तीजी शाद । अङ्ग से अङ्ग न मिलावे, तो… Read More