श्रीराधाजी का आश्रय एवं लौकिक समृद्धि पाने हेतु सरल अनुष्ठान श्रीराधाजी का आश्रय एवं लौकिक समृद्धि पाने हेतु सरल अनुष्ठान कृपयति यदि राधा बाधिताशेषबाधा किमपरमवशिष्टं पुष्टिमर्यादयोर्मे । यदि वदति च किंचित् स्मेरहासोदितश्रीद्विजवरमणिपङ्क्त्या मुक्तिशुक्त्या तदा किम् ॥ श्यामसुन्दर शिखण्डशेखर स्मेरहास्य मुरलीमनोहर । राधिकारसिक मां कृपानिधे स्वप्रियाचरणकिङ्करीं कुरु ॥… Read More
श्रीराधा-माधवप्रेमकी प्राप्तिके लिये लौकिक सरल अनुष्ठान श्रीराधा-माधवप्रेमकी प्राप्तिके लिये लौकिक सरल अनुष्ठान साधक भक्त स्नान करनेके बाद श्रीराधामाधव- प्रेमप्राप्तिके लिये सर्वप्रथम भगवान् श्रीराधामाधव के युगलस्वरूपवाले किसी मनभावन चित्रपट को सामने रखकर उसका पंचोपचार पूजन करे, तत्पश्चात् शुद्ध वस्त्र धारणकर, शुद्ध आसनपर बैठकर श्रीमद्भागवत के निम्नलिखित चारों श्लोकों (१०। ३३ । २२-२५) को, श्रीमद्भागवत के ही निम्नलिखित (१०।३३। ४०) श्लोक के द्वारा… Read More
श्रीराधास्तोत्रम् ॥ श्रीराधास्तोत्रम् ॥ राधे राधे च कृष्णेशे कृष्णप्राणे मनोहरे । भक्तधामप्रदे देवि राधिके त्वं प्रसीद मे ॥ १ ॥ रहःकेलिसुखस्थाने सखीप्रेमकरेऽनघे । कृष्णोत्कर्षकरे नित्यं राधिके त्वं प्रसीद मे ॥ २ ॥… Read More
राधा यंत्रावरण पूजनम् ॥ अथ राधा यंत्रावरण पूजनम् ॥ राधा यंत्र के निर्माण में प्रचलित तंत्रग्रंथों, राधारहस्य, राधातंत्रादि में अलग से कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है । परन्तु राधातंत्र कवचादि में वर्णित नायिकायें सहित तथा अन्य दृष्टान्तों के आधार पर राधायंत्र की परिकल्पना कर यंत्र की रचना की गई है । उक्त यंत्र पर राधा एवं कृष्ण दोनों… Read More
श्रीराधा-माधव यन्त्र श्रीराधा-माधव यन्त्र श्रीराधिकाजी का यह यन्त्र राधिका-पंचदशी-यन्त्र कहलाता है । इसका राधाष्टमी (भाद्रपद शु० ८)-के दिन, दीपावली (कार्तिक अमावस्या)-या होलिका पर्व (फाल्गुन पूर्णिमा)-में ताम्र, स्वर्ण, रजत पत्रपर खुदवाकर अथवा भोजपत्रपर अष्टगन्ध से रचनाकर अभिषेक करना चाहिये । पंचगव्य, पंचामृत, गंगाजल अथवा यमुनाजल से स्नान कराने के पश्चात् रक्तवस्त्र या पीतवस्त्र पर यन्त्र को रखकर पंचोपचार,… Read More
“ह्रीं श्रीराधायै स्वाहा” श्रीराधा-उपासना – देवी भागवत अनुसार ॥ ह्रीं श्रीराधायै स्वाहा ॥ श्रीराधा-उपासना – देवी भागवत अनुसार भगवान् नारायण कहते हैं — नारद ! सुनो, यह वेदवर्णित रहस्य तुम्हें बताता हूँ । यह सर्वोत्तम एवं परात्पर साररहस्य जिस किसी के सम्मुख नहीं कहना चाहिये । इस रहस्य को सुनकर दूसरों से कहना उचित नहीं है; क्योंकि यह अत्यन्त गुह्य रहस्य है ।… Read More
पीठ पूजनम् ॥ पीठ पूजनम् ॥ मूर्ति के आसन पर या यंत्र पर यह पूजा अवश्य करे । दैनिक पूजन में यह पीठ पूजा अपने हृदयस्थल में कर हृदय में देवता का आह्वान कर मानसिक पूजन करे । देवता के यंत्र को भद्रमंडल या कलश पर यंत्र रखकर देवता का आह्वान पूजन करते है । परन्तु यंत्र… Read More
युगलशरणागति-मन्त्र युगलशरणागति-मन्त्र सारस्वत कल्प से पच्चीसवें कल्प पूर्व की बात है, उस समय नारदजी कश्यपजी के पुत्र होकर उत्पन्न हुए थे । उस समय भी उनका नाम नारद ही था । एक दिन वे भगवान् श्रीकृष्ण का परम तत्त्व पूछने के लिये कैलास पर्वत पर भगवान् शिव के समीप गये । वहाँ उनके प्रश्न करने पर… Read More
श्रीयुगलकिशोराष्टक ॥ श्रीयुगलकिशोराष्टक ॥ श्रीरूपगोस्वामीजी द्वारा रचित श्रीयुगलकिशोराष्टक श्री रूप गोस्वामी (१४९३ – १५६४), वृंदावन में चैतन्य महाप्रभु द्वारा भेजे गए छः षण्गोस्वामी में से एक थे। वे कवि, गुरु और दार्शनिक थे। वे सनातन गोस्वामी के भाई थे। इनका जन्म १४९३ ई (तदनुसार १४१५ शक.सं.) को हुआ था। इन्होंने २२ वर्ष की आयु में गृहस्थाश्रम… Read More