सौभाग्य-प्राप्ति, वर-वधू-प्राप्ति प्रयोग १॰ प्रातः-काल चम्पा के फूलों से हवन करने से वेश्याओं का वशीकरण होता है । २॰ सायं-काल जल के साथ घिसे हुए चन्दन के साथ नव-मालिका (वासन्ती, नेवारी, सेउती या मोगरा) के फूलों का अथवा पलाश (ढाक, छेवला) के फूलों का त्रि-मधु के साथ हवन करने से, कन्या को उत्तम वर तथा… Read More


दाम्पत्य सुख के उपाय १॰ यदि जन्म कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, द्वादश स्थान स्थित मंगल होने से जातक को मंगली योग होता है इस योग के होने से जातक के विवाह में विलम्ब, विवाहोपरान्त पति-पत्नी में कलह, पति या पत्नी के स्वास्थ्य में क्षीणता, तलाक एवं क्रूर मंगली होने पर जीवन साथी की मृत्यु… Read More


मनोवांछित वर-प्राप्ति प्रयोग १॰ भगवती सीता ने गौरी की उपासना निम्न मन्त्र द्वारा की थी, जिसके फलस्वरुप उनका विवाह भगवान् श्रीराम से हुआ। अतः कुमारी कन्याओं को मनोवाञ्छित वर पाने के लिये इसका पाठ करना चाहिए। “ॐ श्रीदुर्गायै सर्व-विघ्न-विनाशिन्यै नमः स्वाहा। सर्व-मङ्गल-मङ्गल्ये, सर्व-काम-प्रदे देवि, देहि मे वाञ्छितं नित्यं, नमस्ते शंकर-प्रिये।। दुर्गे शिवेऽभये माये, नारायणि सनातनि,… Read More