विद्या प्राप्ति का मन्त्र विद्या प्राप्ति का मन्त्र मन्त्र:- “गुरु गृह गए पढ़न रघुराई । अलप काल विद्या सब आई ।।”… Read More
सिद्ध सारस्वत स्तोत्र सिद्ध सारस्वत स्तोत्र ।। श्रीसरस्वत्युवाच ।। वर्तते निर्मलं ज्ञानं, कुमति-ध्वंस-कारकं । स्तोत्रेणानेन यो भक्तया, मां स्तुवति सदा नरः ।। त्रि-सन्ध्यं प्रयतो भूत्वा, यः स्तुतिं पठते तथा । तस्य कण्ठे सदा वासं, करिष्यासि न संशयः ।। सिद्ध-सारस्वतं नाम, स्तोत्रं वक्ष्येऽहमुत्तमम् ।। जो व्यक्ति सदैव इस कुमति (दुर्बुद्धि) नाशक स्तोत्र से मेरी स्तुति करता है, उसे निर्मल… Read More
सरस्वती महा-स्तोत्र सरस्वती महा-स्तोत्र प्रस्तुत ‘सरस्वती महा-स्तोत्र’ का एक वर्ष तक पाठ करने से मूर्ख व्यक्ति की भी मूर्खता दूर हो जाती है । नित्य-पाठ करने से पाठ-कर्त्ता मेधावी हो जाता है । यह महर्षि याज्ञवल्क्य का अनुभूत प्रयोग है । ॥ याज्ञवल्क्य उवाच ॥ कृपां कुरु जगन्मातर्मामेवं हत-तेजसम् । गुरु-शापात् स्मृति-भ्रष्टं, विद्या-हीनं च दुःखितम् ।।१ ज्ञानं… Read More
विद्या-प्राप्ति-प्रयोग विद्या-प्राप्ति-प्रयोग परीक्षा, नौकरी में तो इस मन्त्र के जप के द्वारा सफलता प्राप्त होती ही है, साथ ही नेतृत्व के गुण भी उत्पन्न होते हैं और समाज में प्रतिष्ठा एवं यश की प्राप्ति होती है।… Read More
परीक्षा में सफलता, स्मरण-शक्ति-वर्द्धन प्रयोग परिक्षा में सफलता, स्मरण-शक्ति-वर्द्धन प्रयोग “एक-दन्त महा-बुद्धिः, सर्व-सौभाग्य-दायक। सर्व-सिद्धि-करो देवो, गौरी-पुत्र विनायकः।।” १॰ उक्त मन्त्र का जप ‘परीक्षा’ आरम्भ होने के १५ दिन पहले जो बुधवार हो, उस दिन से आरम्भ करे तथा परीक्षा का परिणाम निकलने तक नियमित करे।… Read More
परीक्षा में सफलता हेतु टोटके परीक्षा में सफलता हेतु टोटके १॰ ब्राह्मी बूटी को गले में धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा शिक्षा के प्रति एकाग्रता में भी वृद्धि होती है। २॰ विद्यार्थी को ऐसे स्थान पर बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए, जहाँ पर बाहर की वायु का प्रवाह सीधे विद्यार्थी तक पहुँचता हो, अर्थात् द्वार एवं खिड़की के… Read More
चक्षुष्मती विद्या 1. चक्षुष्मती विद्या ॐ अस्याश्चाक्षुषीविद्याया अहिर्बुध्न्य ऋषिः, गायत्री छन्दः, सूर्यो देवता, ॐ बीजम्, नमः शक्तिः, स्वाहा कीलकम्, चक्षूरोगनिवृत्तये जपे विनियोगः। ॐ चक्षुः चक्षुः चक्षुः तेजः स्थिरो भव। मां पाहि पाहि। त्वरितं चक्षुरोगान् शमय शमय। मम जातरूपं तेजो दर्शय दर्शय। यथाहम् अन्धो न स्यां तथा कल्पय कल्पय। कल्याणं कुरू कुरू। यानि मम पूर्वजन्मोपरर्जितानि चक्षुःप्रतिरोधकदुष्कृतानि सर्वाणि निर्मूलय… Read More
श्री गोरक्ष वल्लभास्तोत्र श्री गोरक्ष वल्लभास्तोत्र इस गोरक्ष वल्लभा स्तोत्र का वैसे तो कोई भी विधिवत् पाठ कर फल प्राप्त कर सकता है, किन्तु विद्यार्थियों के लिए यह परम कल्याणकारक है । शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से प्रतिदिन प्रातः-काल ब्रह्म-मुहूर्त्त में उठ जाना चाहिए तथा सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त होकर धूले हुए शुद्ध वस्त्रों को… Read More