जानकी नवमी से करें शीघ्र विवाह हेतु जानकी मंगल प्रयोग शीघ्र विवाह के लिए जहाँ गौरी और शंकर की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर जानकी और श्रीराम की भी पूजा-उपासना की जाती है । माता जानकी की कृपा से न केवल शीघ्र विवाह होता है, वरन् अच्छे वर की भी प्राप्ति होती है… Read More


शीघ्र विवाह के टोटके १॰ जिस समय भी कन्या के परिजन वर पक्ष से विवाह वार्ता करने के लिए जाएँ, उस समय कन्या प्रसन्नतापूर्वक उन्हें मिष्ठान्न खिलाकर विदा करे तथा अपने बालों को खोले रखें। २॰ विवाह के लिए वर पक्ष के घर में प्रवेश करते समय कन्या के पिता अथवा अन्य जिम्मेदार व्यक्ति को… Read More


सौभाग्य-प्राप्ति, वर-वधू-प्राप्ति प्रयोग १॰ प्रातः-काल चम्पा के फूलों से हवन करने से वेश्याओं का वशीकरण होता है । २॰ सायं-काल जल के साथ घिसे हुए चन्दन के साथ नव-मालिका (वासन्ती, नेवारी, सेउती या मोगरा) के फूलों का अथवा पलाश (ढाक, छेवला) के फूलों का त्रि-मधु के साथ हवन करने से, कन्या को उत्तम वर तथा… Read More


दाम्पत्य सुख के उपाय १॰ यदि जन्म कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, द्वादश स्थान स्थित मंगल होने से जातक को मंगली योग होता है इस योग के होने से जातक के विवाह में विलम्ब, विवाहोपरान्त पति-पत्नी में कलह, पति या पत्नी के स्वास्थ्य में क्षीणता, तलाक एवं क्रूर मंगली होने पर जीवन साथी की मृत्यु… Read More


मांगलिक दोष निवारक टिप्स १॰ प्रत्येक मंगलवार को वट वृक्ष की जड़ पर मीठा दूध चढ़ाए। बाद में उस दूध की भीगी मिट्टी से स्वयं के तिलक करें। २॰ पक्षियों को मीठा डालें। ३॰ मंगल दोष से युक्त कन्या को पाँच साल तक मंगला गौरी व्रत करना शुभफलकारक रहता है। ४॰ मंगल दोष को नष्ट… Read More


कन्या विवाह हेतु प्रार्थना प्रस्तुत प्रार्थना माँ सीता ने भगवान् राम को पति रुप में पाने हेतु माँ पार्वती से किया था। पहले शुद्ध होकर दुर्गाजी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठे। फिर दुर्गा जी का भक्ति-भाव से अधीर होकर ‘पञ्चोपचार पूजन’ करे। पूजन के बाद प्रणाम करे- “ॐ श्रीदुर्गायै सर्व-विघ्न-विनाशिन्यै नमः।” पुनः हाथ… Read More


गन्धर्व-राज विश्वावसु गन्धर्व-राज विश्वावसु की पूजा पद्धति गन्धर्व-राज विश्वावसु की उपासना मुख्यतः ‘वशीकरण’ और ‘विवाह’ के लिये की जाती है। स्त्री-वशीकरण और विवाह के लिये इनके प्रयोग अमोघ है। मन्त्र- “ॐ विश्वावसु-गन्धर्व-राज-कन्या-सहस्त्रमावृत, ममाभिलाषितां अमुकीं कन्यां प्रयच्छ स्वाहा।” विनियोग- ॐ अस्य श्रीविश्वावसु-गन्धर्व-राज-मन्त्रस्य श्रीरुद्र-ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीविश्वावसु-गन्धर्व-राजः देवता, ह्रीं बीजं, स्वाहा शक्तिः, विश्वावसु-गन्धर्व-राज प्रीति-पूर्वक ममाभिलाषितां अमुकीं कन्यां… Read More