विष्णु सूक्त ॥ विष्णुसूक्त ॥ इस सूक्त के द्रष्टा दीर्घतमा ऋषि हैं । विष्णुके विविध रूप, कर्म हैं । अद्वितीय परमेश्वररूप में उन्हें ‘महाविष्णु’ कहा जाता हैं । यज्ञ एवं जलोत्पादक सूर्य भी उन्हीं का रूप है। वे पुरातन हैं, जगत्स्रष्टा हैं। नित्य-नूतन एवं चिरसुन्दर हैं । संसार को आकर्षित करनेवाली भगवती लक्ष्मी उनकी भार्या हैं ।… Read More