श्रीरामचरितमानस में स्वप्न अभिधारणा श्रीरामचरितमानस में स्वप्न अभिधारणा प्रायः हर व्यक्ति स्वप्न देखता है । स्वप्न व्यक्ति को निद्रित अवस्था में ही आते हैं । निद्रा अवस्था में मन सुषुम्ना में प्रवेश कर जाता है, लेकिन देह की सभी क्रियाएँ निरन्तर जारी रहती है । हर संस्थान अपना कार्य करता है । तभी तो निद्रित अवस्था में मच्छर आदि… Read More
कुत्ते का महत्त्व कुत्ते का महत्त्व 21वीं सदी में शकुन की बात करना पिछड़ापन-सा अवश्य लगता है, किन्तु जो परम्परा और रिवाज हमारे समाज में शताब्दियों से चली आ रही है, वे वैज्ञानिक मान्यता के बिना भी अपना वजूद कायम रखे हैं । हमारे देश में ज्योतिष को बहुत महत्त्व दिया जाता है, किन्तु महिलाओं में ‘सूण-सायण’ एक… Read More
तन्त्र शास्त्र तन्त्र शब्द के अर्थ बहुत विस्तृत हैं। यह शब्द ‘तन्’ और ‘त्र’ (ष्ट्रन) इन दो धातुओं से बना है, अतः “विस्तारपूर्वक तत्त्व को अपने अधीन करना”- यह अर्थ व्याकरण की दृष्टि से स्पष्ट होता है, जबकि ‘तन्’ पद से प्रकृति और परमात्मा तथा ‘त्र’ से स्वाधीन बनाने के भाव को ध्यान में रखकर ‘तन्त्र’ का… Read More