शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 30 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 30 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता तीसवाँ अध्याय ब्रह्माद्वारा स्वायम्भुव मनु आदिकी सृष्टिका वर्णन सूतजी बोले- इस प्रकार [अयोनिज मानस ] प्रजाओंकी रचना हो जानेके पश्चात् आपव प्रजापति पुरुष अर्थात् मनुने अयोनिजा शतरूपा नामक पत्नी प्राप्त की। अपनी महिमासे द्युलोकको व्याप्त करके स्थित हुए मनुके… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 29 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 29 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता उनतीसवाँ अध्याय ब्रह्माकी आदिसृष्टिका वर्णन शौनक बोले- आपने परमार्थ प्रदान करनेवाला सनत्कुमार एवं व्यासजीका संवादरूप जो महान् आख्यान कहा, उसे मैंने सुन लिया । अब जिस प्रकार ब्रह्माकी सृष्टि उत्पन्न हुई, उसे मैं सुनना चाहता हूँ, जैसा आपने व्यासजीसे… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 28 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 28 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता अट्ठाईसवाँ अध्याय छायापुरुषके दर्शनका वर्णन देवी बोलीं- हे देवदेव ! हे महादेव ! आपने कालकी वंचना करनेवाले शब्दब्रह्मस्वरूप उत्तम योगके लक्षणका वर्णन संक्षेपसे किया । अब योगियोंके हितकी इच्छासे छायापुरुष-सम्बन्धी उस उत्तम ज्ञानको विस्तारपूर्वक कहिये ॥ १-२ ॥ शंकर… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 27 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 27 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता सत्ताईसवाँ अध्याय अमरत्व प्राप्त करनेकी चार यौगिक साधनाएँ देवी बोलीं- योगी योगाकाशसे उत्पन्न वायुपद कैसे प्राप्त करता है, हे प्रभो ! यदि आप मुझपर प्रसन्न हैं, तो यह सब मुझे बताइये ॥ १ ॥ शंकर बोले- [ हे देवि… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 26 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 26 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता छब्बीसवाँ अध्याय योगियोंद्वारा कालकी गतिको टालनेका वर्णन देवी बोलीं- हे देव! आपने यथार्थरूपसे कालज्ञानका वर्णन किया, योगिजन जिस प्रकार कालका वंचन करते हैं, आप उसे विधिपूर्वक कहिये । काल सभी प्राणियोंके सन्निकट घूमता है, किंतु योगी आये हुए कालको… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 25 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 25 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता पच्चीसवाँ अध्याय मृत्युकाल निकट आनेके लक्षण व्यासजी बोले – हे सनत्कुमार! हे सर्वज्ञ ! हे मुने ! मैंने आपसे स्त्रियोंके स्वभावका वर्णन सुना, अब आप प्रेमपूर्वक मुझसे काल – ज्ञानका वर्णन कीजिये ॥ १ ॥ सनत्कुमार बोले— हे व्यास… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 24 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 24 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता चौबीसवाँ अध्याय नारदके प्रति पंचचूडा अप्सराके द्वारा स्त्रीके स्वभाव* का वर्णन व्यासजी बोले – हे मुने ! यदि आप मुझसे सन्तुष्ट हैं तो स्त्रियोंकी जिस दुष्प्रवृत्तिको पंचचूडाने कहा है, उसे संक्षेपमें मुझसे कहिये ॥ १ ॥ सनत्कुमार बोले –… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 23 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 23 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता तेईसवाँ अध्याय शरीरकी अपवित्रता तथा उसके बालादि अवस्थाओंमें प्राप्त होनेवाले दुःखोंका वर्णन सनत्कुमार बोले – हे मुने! हे महाबुद्धे ! हे व्यासजी ! सुनिये, अब मैं शरीरकी अपवित्रता तथा उसके आत्मभावके महत्त्वका संक्षिप्त रूपसे वर्णन कर रहा हूँ ।… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 22 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 22 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता बाईसवाँ अध्याय देहकी उत्पत्तिका वर्णन व्यासजी बोले- हे मुनीश्वर ! हे तात! रागनिवृत्तिके लिये इस समय विधिपूर्वक जीवके जन्म तथा गर्भमें उसकी स्थितिका वर्णन कीजिये ॥ १ ॥ सनत्कुमार बोले – हे व्यास ! अब मैं संक्षेपमें सम्पूर्ण शास्त्रोंके… Read More
शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 21 शिवमहापुराण — उमासंहिता — अध्याय 21 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण उमासंहिता इक्कीसवाँ अध्याय कर्मानुसार जन्मका वर्णनकर क्षत्रियके लिये संग्रामके फलका निरूपण व्यासजी बोले- स्वभावतः ब्राह्मणत्वकी प्राप्ति बहुत कठिन है । ईश्वरके मुखसे ब्राह्मण, भुजाओंसे क्षत्रिय और जंघासे वैश्य उत्पन्न हुए हैं, उनके चरणोंसे शूद्र उत्पन्न हुआ है-ऐसी बात उनके मुखसे… Read More