कुलगुरु ।। श्री क्रम के कुलगुरु ।। श्रीकुल साधकों के कुल गुरु इस प्रकार है- दिव्यौघगुरु – १. परप्रकाशानंदनाथ २. परशिवानंदनाथ ३. पराशक्त्यम्ब ४. कौलेश्वरानंदनाथ ५. शुक्लदेव्यम्ब ६. कुलेश्वरानंदनाथ ७. कामेश्वर्यम्बा ।… Read More
श्रीनाथादि गुरुत्रयं मण्डल पूजन प्रयोगः ।। श्रीनाथादि गुरुत्रयं मण्डल पूजन प्रयोगः ।। श्रीनाथादिगुरुत्रयं गणपतिं पीठत्रयं भैरवं, सिद्धौघं वटुकत्रयं पदयुगं दूतीक्रमं मण्डलम् । वीरानष्टचतुकषष्टिनवकं वीरावलीपञ्चकं, श्रीमन्मालिनि मन्त्रराजसहितं वन्दे गुरोर्मण्डलम् ।। (उपर्युक्त ‘ श्रीनाथादिगुरुत्रय० ‘ गुरुमण्डल के अर्चन का रहस्यमय ‘ मन्त्र ‘ है ।)… Read More
श्रीनाथादि गुरुत्रयं मण्डल पूजन प्रयोगः ।। श्रीनाथादि गुरुत्रयं मण्डल पूजन प्रयोगः ।। श्रीनाथादिगुरुत्रयं गणपतिं पीठत्रयं भैरवं, सिद्धौघं वटुकत्रयं पदयुगं दूतीक्रमं मण्डलम् । वीरानष्टचतुकषष्टिनवकं वीरावलीपञ्चकं, श्रीमन्मालिनि मन्त्रराजसहितं वन्दे गुरोर्मण्डलम् ।। (उपर्युक्त ‘ श्रीनाथादिगुरुत्रय० ‘ गुरुमण्डल के अर्चन का रहस्यमय ‘ मन्त्र ‘ है ।)… Read More
स्त्रीगुरु स्तोत्रम् ।। स्त्रीगुरु स्तोत्रम् ।। नमस्ते देव-देवेशि ! नमस्ते हरपूजिते ! । ब्रह्मविद्यास्वरूपायै तस्यै नित्य नमो नम: ।। अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन-शलाकया । यया चक्षुरून्मीलितं तस्यै नित्यं नमो नम: ।। भवबंधन पाशस्य तारिणी जननी परा । ज्ञानदा मोक्षदा नित्या तस्यै नित्या नमो नम: ।।… Read More
स्त्रीगुरु कवचम् ।। स्त्रीगुरु कवचम् ।। ।। शिव उवाच ।। स्तोत्रं समाप्तं देवेशि ! कवचं श्रृणु सादरम् । यस्य स्मरण मात्रेण वागीश समतां व्रजेत् ।। स्त्रीगुरु कवचस्यास्य सदाशिव ऋषि: स्मृत; । तवाख्या देवता ख्याता चतुर्वर्गफलप्रदा ।। क्लीं बीजण चक्षुषोर्मध्ये सर्वाङ्गे मे सदाऽवतु । ऐं बीजं मे मुखं पातु ह्रीं जिह्वां परिरक्षतु ।।… Read More
श्रीगुरु स्तोत्रम् ।। श्रीगुरु स्तोत्रम् ।। ।। ॐ नम: श्रीनाथाय ।। ।। श्रीमहादेव्युवाच ।। गुरोरर्मन्त्रस्य देवस्य धर्मस्य तस्य एव वा । विशेषस्तु महादेव ! तत् वदस्व दयानिधे ।। ।। श्रीमहादेव उवाच ।। जीवात्मनं परमात्मनं दानं ध्यानं योगो ज्ञानम् । उत्कलकाशीगङ्गामरणं न गुरोरधिकं न गुरोरधिकम् ।। १ ।। प्राणं देहं गेहं राज्यं स्वर्गं भोगं योगं मुक्तिम् । भार्यामिष्टं… Read More
श्रीगुरु कवचम् ।। श्रीगुरु कवचम् ।। शास्त्रों में लिखा है कि सर्वदोषशान्ति हेतु गुरु एवं ब्राह्मणों की सेवा वन्दना करें । अत : आप अपने गुरु का स्त्रीगुरु या पुरुषगुरु हो उनके हेतु कवच एवं स्तोत्र का पाठ करें । ।। गुरुदेव ध्यानम् ।। सहस्त्रदल पङ्कजे सकलशीत रश्मिप्रभम् । वराभय कराम्बुजं विमलगंधपुष्पाम्बरम् ।। प्रसन्नवदनेक्षणं सकल – देवतारूपिणम्… Read More
सिद्ध तांत्रिक टोटके सिद्ध तांत्रिक टोटके १॰ हाथी की लीद को चाँदी के ताबीज में भरकर छोटे बच्चे के गले में पहना दें, तो उस बच्चे को बुरी नजर का दोष नही लगता। २॰ रविवार या मंगलवार के दिन अश्विनी नक्षत्र में घोड़े के नाखून को आग में जलाकर उसका धुआँ भूत-प्रेत बाधा ग्रसित रोगी को देने से… Read More
शाबर मन्त्र साधना “शाबर मन्त्र साधना” के तथ्य १॰ इस साधना को किसी भी जाति, वर्ण, आयु का पुरुष या स्त्री कर सकती है। २॰ इन मन्त्रों की साधना में गुरु की इतनी आवश्यकता नहीं रहती, क्योंकि इनके प्रवर्तक स्वयं सिद्ध साधक रहे हैं। इतने पर भी कोई निष्ठावान् साधक गुरु बन जाए, तो कोई आपत्ति नहीं क्योंकि… Read More
सुख-समृद्धि दायक टोटके 1॰ यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यह टोटका काम में लें। किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रात: हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें। श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेश स्तोत्र´´ के 11 पाठ… Read More