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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 59 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः उनसठवाँ अध्याय काशी के कन्दुकेश्वर शिवलिंग के प्रादुर्भाव में पार्वती द्वारा विदल एवं उत्पल दैत्यों के वध की कथा, रुद्रसंहिता का उपसंहार तथा इसका माहात्म्य सनत्कुमार बोले — हे व्यासजी ! अब आप प्रेमपूर्वक शिवजी के उस चरित्र को सुनिये, जिस… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 58 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः अट्ठावनवाँ अध्याय काशी के व्याघेश्वर लिंग-माहात्म्य के सन्दर्भ में दैत्य दुन्दुभिनिर्ह्राद के वध की कथा सनत्कुमार बोले — हे व्यासजी ! सुनिये, मैं शिवजी के चरित्र को कहता हूँ, जिस प्रकार महादेव ने दुन्दुभिनिर्ह्राद नामक दैत्य को मारा । समय पाकर… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 57 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सत्तावनवाँ अध्याय महिषासुर के पुत्र गजासुर की तपस्या तथा ब्रह्मा द्वारा वरप्राप्ति, उन्मत्त गजासुर द्वारा अत्याचार, उसका काशी में आना, देवताओं द्वारा भगवान् शिव से उसके वध की प्रार्थना, शिव द्वारा उसका वध और उसकी प्रार्थना से उसका चर्म धारणकर ‘कृत्तिवासा’… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 56 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छप्पनवाँ अध्याय बाणासुर का ताण्डव नृत्य द्वारा भगवान् शिव को प्रसन्न करना, शिव द्वारा उसे अनेक मनोऽभिलषित वरदानों की प्राप्ति, बाणासुरकृत शिवस्तुति नारदजी बोले — हे महामुने ! भार्यासहित अनिरुद्ध तथा श्रीकृष्णजी के द्वारकापुरी में चले जाने पर बाणासुर ने क्या… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 55 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पचपनवाँ अध्याय भगवान् कृष्ण तथा बाणासुर का संग्राम, श्रीकृष्ण द्वारा बाण की भुजाओं का काटा जाना, सिर काटने के लिये उद्यत हुए श्रीकृष्ण को शिव का रोकना और उन्हें समझाना, बाण का गर्वापहरण, श्रीकृष्ण और बाणासुर की मित्रता, ऊषा-अनिरुद्ध को लेकर… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 54 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौवनवाँ अध्याय नारदजी द्वारा अनिरुद्ध के बन्धन का समाचार पाकर श्रीकृष्ण की शोणितपुर पर चढ़ाई, शिव के साथ उनका घोर युद्ध, शिव की आज्ञा से श्रीकृष्ण का उन्हें जृम्भणास्त्र से मोहित करके बाणासुर की सेना का संहार करना व्यासजी बोले —… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 53 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तिरपनवाँ अध्याय क्रुद्ध बाणासुर का अपनी सेना के साथ अनिरुद्ध पर आक्रमण और उसे नागपाश में बाँधना, दुर्गा के स्तवन द्वारा अनिरुद्ध का बन्धनमुक्त होना सनत्कुमार बोले —- इसके बाद बाणासुर ने अत्यन्त क्रुद्ध हो वहाँ जाकर दिव्य लीला से युक्त… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 52 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बावनवाँ अध्याय अभिमानी बाणासुर द्वारा भगवान् शिव से युद्ध की याचना, बाणपुत्री ऊषा का रात्रि के समय स्वप्न में अनिरुद्ध के साथ मिलन, चित्रलेखा द्वारा योगबल से अनिरुद्ध का द्वारका से अपहरण, अन्तःपुर में अनिरुद्ध और ऊषा का मिलन तथा द्वारपालों… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 51 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः इक्यावनवाँ अध्याय प्रह्लाद की वंशपरम्परा में बलिपुत्र बाणासुर की उत्पत्ति की कथा, शिवभक्त बाणासुर द्वारा ताण्डव नृत्य के प्रदर्शन से शंकर को प्रसन्न करना, वरदान के रूप में शंकर का बाणासुर की नगरी में निवास करना, शिव-पार्वती का विहार, पार्वती द्वारा… Read More


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शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 50 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पचासवाँ अध्याय शुक्राचार्य द्वारा काशी में शुक्रेश्वर लिंग की स्थापनाकर उनकी आराधना करना, ‘मूर्त्यष्टक स्तोत्र’ से उनका स्तवन, शिवजी का प्रसन्न होकर उन्हें मृतसंजीवनी विद्या प्रदान करना और ग्रहों के मध्य प्रतिष्ठित करना सनत्कुमार बोले — [हे व्यास!] मृत्युंजय नामक शिवजी… Read More