ब्रह्मादि देवों द्वारा भगवान् की स्तुति ब्रह्मादि देवों द्वारा भगवान् की स्तुति जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता । गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता ।। पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई । जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई ।।… Read More
शक्ति चालीसी शक्ति चालीसी श्रीदुर्गायै नमः नमस्कार उसको ही जिससे है पैदा खल्क़ 1 में हर शै 2 । पये 3 क़त्ले 4 सितमगारां जो पै दर 5 पै रहे दरपै 6 ।। मचा जब ग़ुल 7 कि अय दुर्गा ये हंगामेतरह् 8 हुम है । मदद की बरमेला 9 सब देवता कहने लगे जय जय ।।… Read More
पीताम्बरा अष्टक पीताम्बरा अष्टक ध्यावत धनेश-अमरेश हू रमेश नित्य, पूजत प्रजेश पद-कञ्ज शम्भु-रानी के । गावत गजानन षडानन अनन्त वेद, पावन दयाल मातु गुन वर-दानी के । पावत परम पुरषारथ प्रसाद जन, लावत ललकि उर ध्यान दया-धानी के । भावत ‘सरोज’ बल-वैभव अपार, अरि-नाशक समृद्ध सदा बगला भवानी के ।। १… Read More
श्रीबगला ध्यानावली श्रीबगला ध्यानावली पीत-पीत वसन प्रसार करैं देह-छवि, अंग-अंग भूषन, सु-पीत झरि लावै है । मुख-कान्ति पीत-पीत, तीनों नेत्र पीत-पीत, अंग-राग पीत-पीत शोभा सरसावै है ।। निज भीत भक्तन को, हीत देति दौरि आय, अपनी दया को, रुप प्रकट दिखावै है । बगला ! तिहार नाम जपत, स-भक्ति जौन, भुक्ति पावै मुक्ति पावै, पीता बन जावै… Read More
सीता, राम ही की थाती है सीता, राम ही की थाती है बोले वशिष्ठ, सुनिये मान्यवर विदेहराज, याचक प्रतीक्षा करैं, कहाँ मेरे दानी हैं । सुतन समेत ठाढ़े द्वारे दशरथ आज, कैसे विलम्ब होत, अँखियाँ टकटकानी हैं ।।… Read More