देवी-सूक्त / वाक्-सूक्त / आत्म-सूक्त / अम्भृाणी-सूक्त भगवती पराम्बा के अर्चनपूजन के साथ देवीसूक्त के पाठ की विशेष महिमा है । ऋग्वेद के दशम मण्डल दशम अध्याय का १२५वाँ सूक्त जिसमें आठ ऋचाएँ हैं ‘वाक्-सूक्त’ कहलाता है । इसे ‘आत्मसूक्त’ भी कहते हैं । इसमें अम्भृण-ऋषि की पुत्री वाक् ब्रह्मसाक्षात्कार से सम्पन्न होकर अपनी… Read More