॥ महामृत्युञ्जय (मृत संजीवनी) मंत्रस्य (५२ अक्षरात्मक) ॥ मन्त्र महोदधि में कहा गया है : पाप एवं विपत्ति को दूर करनेवाले महामृत्युञ्जय मन्त्र को बतलाता हूं जिसे भगवान शङ्कर से प्राप्त करके शुक्राचार्य ने मरे हुये दैत्यों को जीवित किया था। मन्त्र इस प्रकार है- मन्त्र – “ॐ हौं ॐ जूं सः भूर्भुवः स्वः त्र्यम्बकं… Read More


॥ अथ त्र्यक्षरी मृत्युञ्जय मंत्र विविध प्रयोगः ॥ बहुधा मृत्युञ्जय प्रयोग रोग-पीड़ा निवारण में ही करते हैं । ग्रहपीड़ा शमन में भी शुभ है । शिव प्रतिमा व शिवलिङ्ग पर अलग-अलग कामना के लिये अलग-अलग अभिषेक द्रव्य हैं । अभिचार व प्रेतादि दोष में सरसों के तेल का अभिषेक, उष्णज्वर, टाईफाईड में दही की छाछ… Read More