भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय १४ से १५ भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय १४ से १५ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (उत्तरपर्व) अध्याय १४ से १५ यमद्वितीया तथा अशून्यशयन-व्रतकी विधि श्रीकृष्ण बोले — पार्थ ! श्रावण मास के शुक्ल पक्ष से आरम्भ कर चार मास की द्वितीया आदि अन्य भी तिथियाँ इस प्रकार की हैं, जिनके अनुष्ठान सुसम्पन्न… Read More
भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय १३ भविष्यपुराण – उत्तरपर्व – अध्याय १३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (उत्तरपर्व) अध्याय १३ जातिस्मर-भद्रव्रतका फल और विधान तथा स्वर्णष्ठीवी की कथा महाराज युधिष्ठिरने पूछा — भगवन् ! अपने पूर्वजन्मों का ज्ञान होना बहुत कठिन है । आप यह बतायें कि ऋषियों के वरदान, देवताओं की आराधना या तीर्थ, स्नान,… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय १९ द्वितीया – कल्प मे महर्षि च्यवन की कथा एवं पुष्पद्वितीया – व्रत की महिमा सुमन्तु मुनि बोले — द्वितीया तिथि को च्यवन ऋषि ने इन्द्र के सम्मुख यज्ञ में अश्विनी-कुमारों को सोमपान कराया था। राजा ने पूछा – महाराज ! इन्द्र के… Read More