शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 14 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 14 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौदहवाँ अध्याय क्षारसमुद्र में प्रक्षिप्त भगवान् शंकर की नेत्राग्नि से समुद्र के पुत्र के रूप में जलन्धर का प्राकट्य, कालनेमि की पुत्री वृन्दा के साथ उसका विवाह व्यासजी बोले — हे सनत्कुमार ! हे सर्वज्ञ ! हे ब्रह्मपुत्र ! आपको नमस्कार… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 13 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 13 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तेरहवाँ अध्याय बृहस्पति तथा इन्द्र का शिवदर्शन के लिये कैलास की ओर प्रस्थान, सर्वज्ञ शिव का उनकी परीक्षा लेने के लिये दिगम्बर जटाधारी रूप धारणकर मार्ग रोकना, क्रुद्ध इन्द्र द्वारा उनपर वज्र प्रहार की चेष्टा, शंकर द्वारा उनकी भुजा को स्तम्भित… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 12 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 12 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बारहवाँ अध्याय त्रिपुरदाह के अनन्तर शिवभक्त मयदानव का भगवान् शिव की शरण में आना, शिवद्वारा उसे अपनी भक्ति प्रदानकर वितललोक में निवास करने की आज्ञा देना, देवकार्य सम्पन्नकर शिवजी का अपने लोक में जाना सनत्कुमार बोले — शिवजी को प्रसन्न देखकर… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 11 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 11 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः ग्यारहवाँ अध्याय त्रिपुरदाह के अनन्तर भगवान् शिव के रौद्ररूप से भयभीत देवताओं द्वारा उनकी स्तुति और उनसे भक्ति का वरदान प्राप्त करना व्यासजी बोले — हे ब्रह्मपुत्र ! हे महाप्राज्ञ ! आप धन्य हैं । हे शैवश्रेष्ठ ! त्रिपुर के जल… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 10 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 10 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः दसवाँ अध्याय भगवान् शिव का त्रिपुर पर सन्धान करना, गणेशजी का विघ्न उपस्थित करना, आकाशवाणी द्वारा बोधित होने पर शिव द्वारा विघ्ननाशक गणेश का पूजन, अभिजित् मुहूर्त में तीनों पुरों का एकत्र होना और शिव द्वारा बाणाग्नि से सम्पूर्ण त्रिपुर को… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 09 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 09 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः नौवाँ अध्याय ब्रह्माजी को सारथी बनाकर भगवान् शंकर का दिव्य रथ में आरूढ़ होकर अपने गणों तथा देवसेना के साथ त्रिपुर-वध के लिये प्रस्थान, शिव का पशुपति नाम पड़ने का कारण सनत्कुमार बोले — इस प्रकार के महादिव्य तथा अनेक आश्चर्यों… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 08 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 08 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः आठवाँ अध्याय विश्वकर्मा द्वारा निर्मित सर्वदेवमय दिव्य रथ का वर्णन व्यासजी बोले — हे सनत्कुमार ! हे सर्वज्ञ ! हे शैवप्रवर ! हे सन्मते ! हे तात ! आपने परमेश्वर की यह अद्भुत कथा सुनायी । अब आप सर्वदेवमय परम दिव्य… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 07 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 07 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सातवाँ अध्याय भगवान् शिव की प्रसन्नता के लिये देवताओं द्वारा मन्त्रजप, शिव का प्राकट्य तथा त्रिपुर विनाश के लिये दिव्य रथ आदि के निर्माण के लिये विष्णुजी से कहना सनत्कुमार बोले — समस्त देवता आदि के इस वचन को सुनकर शरणागतों… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 06 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 06 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छठा अध्याय त्रिपुरध्वंस के लिये देवताओं द्वारा भगवान् शिव की स्तुति व्यासजी बोले — हे सनत्कुमार ! हे विभो ! भाइयों तथा पुरवासियोंसहित उस दैत्यराज के मोहित हो जाने पर क्या हुआ, वह सारा वृत्तान्त कहिये ॥ १ ॥ सनत्कुमार बोले… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 05 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [पंचम-युद्धखण्ड] – अध्याय 05 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पाँचवाँ अध्याय मायावी यति द्वारा अपने धर्म का उपदेश, त्रिपुरवासियों का उसे स्वीकार करना, वेदधर्म के नष्ट हो जाने से त्रिपुर में अधर्माचरण की प्रवृत्ति व्यासजी बोले — उस मायावी के द्वारा मोहित दैत्यराज के दीक्षित हो जाने पर उस मायावी… Read More