॥ शिव श्रीकण्ठादि कलामातृका न्यासः ॥ कोई भी रुद्र प्रयोग हो, मृत्युंजय प्रयोग या शिव के किसी अन्य स्वरूप का यन्त्र का प्रयोग पुरश्चरणादि, होवें तो श्रीकण्ठादि कलामातृका न्यास करने से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है । विनियोगः – अस्य श्रीकण्ठादिकलान्यासस्य दक्षिणामूर्ति ऋषिः, गायत्री छन्दः, अर्द्धनारीश्वरो देवता, हलो बीजानि, स्वराः शक्तयः, चतुर्विध पुरुषार्थ सिद्ध्यर्थे न्यासे… Read More


॥ गुह्यकाली : विविध न्यास प्रयोगाः 10 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 06 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः… Read More


॥ गुह्यकाली : विविध न्यास प्रयोगाः 09 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 06 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 08 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 06 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 07 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 06 ॥ ॥ २०. विराट् न्यासः॥ ॐ… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 06 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ १७. भासा न्यासः ॥ ॐ फ्रें ह्रीं ख्फ्रें छ्रीं हसफ्रें स्त्रीं… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 05 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ १३. सृष्टिन्यासः ॥ दक्षपादे न्यासः – आं क्लीं श्रीं ह्रीं क्रीं क्रों क्रौं प्रजापतिरूपा प्रजासृष्टिकर्त्री अदितिदेवी सिद्धिं प्रयच्छतु… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 04 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ १०. जयविजय न्यासः ॥ ॐ ह्रीं क्लीं हौं श्रीं हूं क्रौं क्रों क्षौं शिवलोके सदाशिवाराधितायै एकवक्त्रायै गुह्यकाली प्रीयतां स्हज्ह्ल्क्षम्लवनऊं तस्यै जयानुविजयप्रदायै जयायै विजयायै नमः स्वाहा… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 03 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ ६. कुलतत्त्वन्यासः ॥ ॐ ह्रीं क्षौं हूं ह्रीः ह्रें र्क्रूं र्क्ष्छ्रीं लगमक्षखफ्रसह्रूं इडानाड्यधिष्ठात्री काली देवता आनन्दकुलतत्त्वक्रमसिद्धा मायाकौलिकी देव्यम्बा श्रीपादुकां पूजयामि नमः । प्रपदे न्यास ॥ ऐं हौं श्रीं फ्रें ह्रों र्छ्रूं र्क्ष्छ्रीं… Read More


॥ अथ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 02 ॥ ॥ गुह्यकाली विविध न्यास प्रयोगाः 01॥ ॥ ३. दूतीन्यासः ॥ आं आं आं प्रकटविकटरूपिणि ह्रीं क्लीं क्रीं अट्टाट्टहासिनि श्रीं क्रों हूं नरमुण्डमालिनि चराचरं जगत् स्तम्भय स्तम्भय क्षूं क्रौं हौं चण्डशिवदूति श्रीपादुकां पूजयामि ललाटाय नमः । आं आं आं महाश्मशानवासिनि फ्रें छ्रीं स्त्रीं नरकड्कालधारिणि कलङ्किनि फेरुमुखि ख्फ्रें हस्फ्रें हस्ख्फ्रें… Read More