शैलपुत्री ॥ शैलपुत्री ॥ कालिका पुराण के अनुसार महिषासुर वध के पूर्व कल्प में शैलपुत्री ही आदि शक्ति है । पूज्यते वैष्णवी देवी तंत्रोक्ता अष्टयोगिनीः । ताः प्रोक्ताः शैलपुत्र्याश्च पूर्व कल्पे च भैरवः ॥ शैलपुत्री ने जब हिमालयराज के यहां जन्म लिया तो हिमालयराज उनको पहचान नहीं सका जगम्दबा ने दिव्यचक्षु से पहले उग्ररूप पश्चात् शान्तरूप… Read More
भगवती दुर्गा ॥ भगवती दुर्गा ॥ एकाक्षर:- भगवती दुर्गा का एकाक्षरी बीजमंत्र “दुं” है । दां दीं दूं दें दौं दः से अङ्गन्यास करे । ॥ अथ अष्टाक्षर मंत्र प्रयोगः ॥ भगवती दुर्गा का अष्टाक्षर मंत्र प्रधान हैं ।… Read More
दो लोगों के बीच लड़ाई करवाकर अलग करने का टोटका दो लोगों के बीच लड़ाई करवाकर अलग करने का टोटका विद्वेषण यन्त्र प्रयोग – 1 किसी भी दिन सफेद कागज पर काली स्याही अथवा कोयले से नीचे दिये गये यन्त्र को लिख कर दीया बाती करने के उपरान्त जलाकर राख को घर से बाहर फेंक दें ।… Read More
दशाक्षर क्षिप्रप्रसादगणपति (विघ्नराज) मंत्र ॥ अथ दशाक्षर क्षिप्रप्रसादगणपति (विघ्नराज) मंत्र ॥ मन्त्र – गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः । क्षिप्र प्रसाद गणपति का पूजन श्रीविद्या ललिता सुन्दरी उपासना में मुख्य है । इनके बिना श्री विद्या अधूरी है। जो साधक श्री साधना करते हैं उन्हें सर्वप्रथम इनकी साधना कर इन्हें प्रसन्न करना चाहिए। कामदेव की भस्म से उत्पन्न दैत्य से श्री… Read More
उच्छिष्ट गणपति प्रयोगः ॥ अथ उच्छिष्ट गणपति प्रयोगः ॥ उच्छिष्ट गणपति का प्रयोग अत्यंत सरल है तथा इसकी साधना में अशुचि-शुचि आदि बंधन नहीं हैं तथा मंत्र शीघ्रफल प्रद है । यह अक्षय भण्डार का देवता है । प्राचीन समय में यति जाति के साधक उच्छिष्ट गणपति या उच्छिष्ट चाण्डालिनी (मातङ्गी) की साधना व सिद्धि द्वारा थोड़े से… Read More
भगवान् श्रीकृष्ण की शरणागति और उनका आश्रय प्राप्त करने हेतु भगवान् श्रीकृष्ण की शरणागति और उनका आश्रय प्राप्त करने हेतु मन्त्रों की भाँति ही यन्त्र भी बड़े प्रभावशाली होते हैं । कुछ यन्त्रों के साथ मन्त्र भी होते हैं और कुछ केवल अङ्कात्मक यन्त्र होते हैं । विभिन्न यन्त्र, विभिन्न कार्यों की सिद्धि और रोगनिवृत्ति आदि के लिये काम में लाये जाते हैं । प्रत्येक… Read More
श्रीकृष्ण यंत्रावरण पूजनम् ॥ अथ श्रीकृष्ण यंत्रावरण पूजनम् ॥ सम्प्रदाय भेद से एक अन्य यंत्रार्चन इस प्रकार है । यन्त्ररचना -बिन्दु, त्रिकोण, षट्कोण, अष्टदल, दशदल, द्वादशदल, चतुर्दशदल एवं षोडशदल बनाकर भूपुर बनाये। ॥ श्रीकृष्ण पूजन यन्त्रम् ॥ प्रत्येक आवरण पूजन बाद, पुष्पांजलि देकर प्रार्थना करे ।… Read More
राधा यंत्रावरण पूजनम् ॥ अथ राधा यंत्रावरण पूजनम् ॥ राधा यंत्र के निर्माण में प्रचलित तंत्रग्रंथों, राधारहस्य, राधातंत्रादि में अलग से कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है । परन्तु राधातंत्र कवचादि में वर्णित नायिकायें सहित तथा अन्य दृष्टान्तों के आधार पर राधायंत्र की परिकल्पना कर यंत्र की रचना की गई है । उक्त यंत्र पर राधा एवं कृष्ण दोनों… Read More
श्रीराधा-माधव यन्त्र श्रीराधा-माधव यन्त्र श्रीराधिकाजी का यह यन्त्र राधिका-पंचदशी-यन्त्र कहलाता है । इसका राधाष्टमी (भाद्रपद शु० ८)-के दिन, दीपावली (कार्तिक अमावस्या)-या होलिका पर्व (फाल्गुन पूर्णिमा)-में ताम्र, स्वर्ण, रजत पत्रपर खुदवाकर अथवा भोजपत्रपर अष्टगन्ध से रचनाकर अभिषेक करना चाहिये । पंचगव्य, पंचामृत, गंगाजल अथवा यमुनाजल से स्नान कराने के पश्चात् रक्तवस्त्र या पीतवस्त्र पर यन्त्र को रखकर पंचोपचार,… Read More