श्रीगणपति सहस्रनामावली श्रीगणपति सहस्रनामावली तन्त्रों और पुराणों में वर्णित इष्टदेवता के सहस्त्रनामों द्वारा उनकी स्तुति करने की पावन परम्परा अत्यन्त प्राचीन- काल से चली आ रही है। इनके एक बार के पाठ से नाम-मन्त्रों की दस माला का जप सम्पन्न हो जाता है । भगवान् के गुणों और लीला – चरित्रों को लेकर ऋषियों द्वारा उपदिष्ट सहस्रनामों… Read More
श्रीगणपति-ध्यान- मंजरी श्रीगणपति-ध्यान- मंजरी गणपति सिन्दूराभं त्रिनेत्रं पृथुतरजठरं हस्तपद्यैर्दधानं दन्तं पाशाङ्कुशेष्टान्युरुकरविलसद्बीजपूराभिरामम्। बालेन्दुद्योतमौलिं करिपतिवदनं दानपूरार्द्रगण्डं भोगीन्द्राबद्धभूषं भजत गणपतिं रक्तवस्त्राङ्गरागम् ॥ जो सिन्दूरकी-सी अंगकान्ति वाले और त्रिनेत्रधारी हैं; जिनका उदर बहुत विशाल है; जो अपने चार करकमलों में दन्त, पाश, अंकुश और वर-मुद्रा धारण करते हैं; जिनके विशाल शुण्ड-दण्ड में बीजपूर (बिजौरा नीबू या अनार) शोभा दे रहा है;… Read More
श्रीगणेश के विविध मन्त्र श्रीगणेश के विविध मन्त्र १ – श्रीमहागणपतिस्वरूप प्रणव- मन्त्र — ‘ॐ’। २- श्रीमहागणपति का प्रणव- सम्पुटित बीज-मन्त्र — ‘ॐ गं ॐ ।’ ३- सबीज गणपति-मन्त्र — ‘ गं गणपतये नमः ।’ ४- प्रणवादि सबीज गणपति-मन्त्र — ‘ॐ गं गणपतये नमः ।’… Read More
हेरम्बोपनिषत् ॥ हेरम्बोपनिषत् ॥ ॐ सहनाववतु । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ अथातो हेरम्बोपनिषदं व्याख्यास्यामः । गौरी सा सर्वमङ्गला सर्वज्ञं परिसमेत्योवाच । अधीहि भगवन्नात्मविद्यां प्रशस्तां यया जन्तुर्मुच्यते मायया च । यतो दुःखाद्विमुक्तो याति लोकं परं शुभ्रं केवलं सात्विकं च ॥ १॥… Read More
गौरिकृतम् हेरम्बस्तोत्रं ॥ गौरिकृतम् हेरम्बस्तोत्रं ॥ ॥ गौर्युवाच ॥ गजानन ज्ञानविहारकारिन्न मां च जानासि परावमर्षाम् । गणेश रक्षस्व न चेच्छरीरं त्यजामि सद्यस्त्वयि भक्तियुक्ता ॥ १ ॥ विघ्नेश हेरम्ब महोदर प्रिय लम्बोदर प्रेमविवर्धनाच्युत । विघ्नस्य हर्ताऽसुरसङ्घहर्ता मां रक्ष दैत्यात्वयि भक्तियुक्ताम् ॥ २ ॥… Read More
महागणपति मंत्रः ॥ महागणपति मंत्रः ॥ मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा । यह मन्त्र संसार का वशीकरण कर सर्वसिद्धि देने वाला है । विनियोगः- ॐ अस्य श्री महागणपति मंत्रस्य गणक ऋषिः (शिरसि), निवृद गायत्री छन्दः (मुखे), महागणपतये देवताये (हृदि), सर्वाभीष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोगः।… Read More
गणेश शाबर मंत्र गणेशजी शाबर मंत्र प्रयोग १ – निम्न मंत्र का पाठ प्रति दिन तीन बार करने से विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है । मंत्रः— जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश पाहि माम । जय गणेश जय गणेश, जय गणेश रक्ष माम । जय सरस्वती, जय सरस्वती जय सरस्वती पाहि माम । जय अम्बे, जय अम्बे,… Read More
विरिगणपति ॥ विरिगणपति ॥ इस देवता की वीरभाव से उपासना करे, पात्रासादन तथा शक्त्यार्चन कर पूजा करें तो अधिक लाभ रहे । इस मंत्र के गणक ऋषि, गायत्री छन्द तथा विरिंगणपति देवता है । मंत्र :- ॐ ह्रीं विरि विरिगणपति वर वरद सर्वलोकं मे वशमानय स्वाहा ।… Read More
दशाक्षर क्षिप्रप्रसादगणपति (विघ्नराज) मंत्र ॥ अथ दशाक्षर क्षिप्रप्रसादगणपति (विघ्नराज) मंत्र ॥ मन्त्र – गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः । क्षिप्र प्रसाद गणपति का पूजन श्रीविद्या ललिता सुन्दरी उपासना में मुख्य है । इनके बिना श्री विद्या अधूरी है। जो साधक श्री साधना करते हैं उन्हें सर्वप्रथम इनकी साधना कर इन्हें प्रसन्न करना चाहिए। कामदेव की भस्म से उत्पन्न दैत्य से श्री… Read More
उच्छिष्ट गणपति प्रयोगः ॥ अथ उच्छिष्ट गणपति प्रयोगः ॥ उच्छिष्ट गणपति का प्रयोग अत्यंत सरल है तथा इसकी साधना में अशुचि-शुचि आदि बंधन नहीं हैं तथा मंत्र शीघ्रफल प्रद है । यह अक्षय भण्डार का देवता है । प्राचीन समय में यति जाति के साधक उच्छिष्ट गणपति या उच्छिष्ट चाण्डालिनी (मातङ्गी) की साधना व सिद्धि द्वारा थोड़े से… Read More