शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 25 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता छब्बीसवाँ अध्याय पच्चीसवाँ अध्याय राजा अनरण्यकी पुत्री पद्माके साथ पिप्पलादका विवाह एवं उनके वैवाहिक जीवनका वर्णन नन्दीश्वरजी बोले— इसके बाद धर्मकी स्थापनाकी इच्छासे लोकमें रहकर उन महेश्वरने महान् लीला की; हे सन्मुने! उसे आप सुनें ॥ १ ॥ एक… Read More


शिवमहापुराण — शतरुद्रसंहिता — अध्याय 2४ ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता चौबीसवाँ अध्याय भगवान् शिवके पिप्पलादावतारका वर्णन नन्दीश्वर बोले — हे प्राज्ञ ! अब आप महेश्वरके पिप्पलाद नामक भक्तिवर्धक अन्य अवतारको अत्यन्त प्रसन्नतासे सुनिये ॥ १ ॥ महाप्रतापी, भृगुवंशमें उत्पन्न, महान् शिवभक्त तथा मुनिश्रेष्ठ जिन च्यवनपुत्र विप्र दधीचिके विषयमें मैं… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 23 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता तेईसवाँ अध्याय विष्णुद्वारा भगवान् शिवके वृषभेश्वरावतारका स्तवन नन्दीश्वर बोले-  तब वृषभका रूप धारणकर गर्जन तथा भीषण ध्वनि करते हुए पिनाकधारी शिवजीने उस [पातालके] विवरमें प्रवेश किया ॥ १ ॥ उनके निनादसे पुर और नगर सभी गिरने लगे एवं सभी… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 22 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता बाईसवाँ अध्याय शिवके वृषेश्वरावतार-वर्णनके प्रसंग में समद्रमन्थनकी कथा नन्दीश्वर बोले – हे ब्रह्मसुत! हे प्राज्ञ ! हे मुनीश्वर ! अब आप भगवान् विष्णुके अहंकारको नष्ट करनेवाले तथा श्रेष्ठ लीलासे परिपूर्ण शिवजीके वृषेश्वर नामक उत्तम अवतारको सुनें ॥ १ ॥… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 21 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता इक्कीसवाँ अध्याय शिवजीके महेशावतार – वर्णनक्रममें अम्बिकाके शापसे भैरवका वेतालरूपमें पृथ्वीपर अवतरित होना नन्दीश्वर बोले – हे मुने! हे ब्रह्मपुत्र ! अब शिवजीके एक और श्रेष्ठ अवतारको प्रीतिपूर्वक सुनिये, जो सुननेवालोंकी सभी कामनाओंको पूर्ण करनेवाला है ॥ १ ॥… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 20 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता बीसवाँ अध्याय शिवजीका हनुमान् के रूपमें अवतार तथा उनके चरितका वर्णन नन्दीश्वर बोले – हे मुने! अब इसके पश्चात् शिवजीने जिस प्रकार हनुमान् जी के रूपमें अवतार लेकर मनोहर लीलाएँ कीं, उस हनुमच्चरित्रको प्रेमपूर्वक सुनिये ॥ १ ॥ उन… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 19 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता उन्नीसवाँ अध्याय शिवजीके दुर्वासावतारकी कथा नन्दीश्वर बोले – हे महामुने ! अब आप शम्भुके एक और चरित्रको प्रेमपूर्वक सुनिये, जिसमें शंकरजी धर्म [की स्थापना ] – के लिये दुर्वासा होकर प्रकट हुए थे ॥ १ ॥ ब्रह्माके परम तपस्वी… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 18 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता अठारहवाँ अध्याय शिवजीके एकादश रुद्रावतारोंका वर्णन नन्दीश्वर बोले – [ हे सनत्कुमार!] अब शिवजीके उत्तम ग्यारह अवतारोंको सुनिये, जिन्हें सुनकर मनुष्यको असत्य आदिसे उत्पन्न होनेवाला पाप पीड़ित नहीं करता है ॥ १ ॥ पूर्वकालकी बात है, दैत्योंसे पराजित होकर… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 17 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता सत्रहवाँ अध्याय भगवान् शिवके महाकाल आदि प्रमुख दस अवतारोंका वर्णन नन्दीश्वर बोले – [ हे सनत्कुमार!] अब आप उपासनाकाण्डद्वारा सेवित महेश्वरके सर्वप्रथम होने- वाले महाकाल आदि दस प्रमुख अवतारोंको भक्तिपूर्वक सुनिये ॥ १ ॥ उनमें प्रथम महाकाल नामक अवतार… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 16 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता सोलहवाँ अध्याय यक्षेश्वरावतारका वर्णन नन्दीश्वर बोले – हे मुनीश्वर ! अब आप [भगवान्] शम्भुके यक्षेश्वरावतारको सुनिये, जो अहंकारसे युक्त जनोंके गर्वको नष्ट करनेवाला तथा सज्जनोंकी भक्तिका संवर्धन करनेवाला है ॥ १ ॥ पूर्वकालमें महाबलवान् देवता एवं दैत्योंने अपने- अपने… Read More