शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 15 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता पन्द्रहवाँ अध्याय भगवान् शिवके गृहपति नामक अग्नीश्वरलिंगका माहात्म्य नन्दीश्वर बोले – [ हे सनत्कुमार!] नारदजीकी बात सुनकर स्त्रीसहित विश्वानरने उसे अत्यन्त दारुण वज्रपातके समान समझा ॥ १ ॥ ‘हाय मैं मर गया’ – ऐसा कहकर वे छाती पीटने लगे… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 14 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता चौदहवाँ अध्याय विश्वानरके पुत्ररूपमें गृहपति नामसे शिवका प्रादुर्भाव नन्दीश्वर बोले – हे सनत्कुमार! घर आकर उस ब्राह्मणने परम हर्षसे युक्त होकर अपनी स्त्रीसे सारा वृत्तान्त कह सुनाया ॥ १ ॥ यह सुनकर उस विप्रपत्नी शुचिष्मतीको महान् आनन्द प्राप्त हुआ… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 13 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता तेरहवाँ अध्याय भगवान् शंकरके गृहपति – अवतारकी कथा नन्दीश्वर बोले – हे ब्रह्मपुत्र ! अब चन्द्रमाको सिरपर धारण करनेवाले शिवके एक अन्य चरित्रको प्रसन्नतापूर्वक सुनिये, जिस प्रकार उन्होंने प्रेमपूर्वक विश्वानरके घरमें जन्म लिया ॥ १ ॥ हे मुने! गृहपति… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 12 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता बारहवाँ अध्याय भगवान् शिवका शरभावतार – धारण सनत्कुमार बोले – हे नन्दीश्वर ! हे महाप्राज्ञ ! इसके बाद [ जो वृत्तान्त आपको ] ज्ञात हुआ, मेरे ऊपर कृपा करके उस वृत्तान्तको इस समय प्रीतिपूर्वक कहिये ॥ १ ॥ नन्दीश्वर… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 11 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता ग्यारहवाँ अध्याय भगवान् नृसिंह और वीरभद्रका संवाद नन्दीश्वर बोले – [ हे सनत्कुमार!] देवताओंने जब इस प्रकार प्रार्थना की, तब कृपानिधि परमेश्वरने नृसिंह नामक महातेजको संहृत करनेका निश्चय किया ॥ १ ॥ इसके बाद रुद्रने महाबलवान् प्रलयकारी एवं अपने… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 10 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता दसवाँ अध्याय नृसिंहचरित्रवर्णन नन्दीश्वर बोले— [हे सनत्कुमार!] दक्ष प्रजापतिके यज्ञको विध्वंस करनेवाले वीरभद्र नामक [ गणाध्यक्ष ]- को परमात्मा प्रभु शिवजीका अवतार जानना चाहिये, उनका सम्पूर्ण चरित सतीके चरित्रमें कहा गया है। आपने भी उसे अनेक प्रकारसे सुन लिया… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 09 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता नौवाँ अध्याय भैरवावतारलीलावर्णन नन्दीश्वर बोले – हे सनत्कुमार! हे सर्वज्ञ ! अब आप महादोषोंको दूर करनेवाली और भक्तिको बढ़ानेवाली दूसरी भैरवी कथाको प्रेमपूर्वक सुनिये ॥ १ ॥ काशीका सान्निध्य प्राप्तकर वे कालभैरव कालके भी भक्षक महाकाल हुए। देवदेवके आदेशसे… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 08 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता आठवाँ अध्याय भैरवावतारवर्णन नन्दीश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! हे सर्वज्ञ ! अब आप भैरवकी कथा सुनें, जिसके सुननेमात्रसे शिवभक्ति सुस्थिर हो जाती है ॥ १ ॥ भैरवजी परमात्मा शंकरके पूर्णरूप हैं, शिवजीकी मायासे मोहित मूर्खलोग उन्हें नहीं जान… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 07 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता सातवाँ अध्याय नन्दिकेश्वरका गणेश्वराधिपति पदपर अभिषेक एवं विवाह नन्दीश्वर बोले – हे मुने! मैं उस वनमें जाकर निर्जन स्थलमें आसन लगाकर धीरतापूर्वक कठोर तप करने लगा, जो मुनिजनोंके लिये भी असाध्य है ॥ १ ॥ नदीके उत्तरकी ओर पवित्र… Read More


शिवमहापुराण – शतरुद्रसंहिता – अध्याय 06 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीसाम्बसदाशिवाय नमः ॥ श्रीशिवमहापुराण शतरुद्रसंहिता छठा अध्याय  नन्दीश्वरावतारवर्णन सनत्कुमार बोले— [हे नन्दीश्वर!] आप महादेवके अंशसे किस प्रकार उत्पन्न हुए और किस प्रकार शिवत्वको प्राप्त हुए ? हे प्रभो ! मैं वह सब सुनना चाहता हूँ, अतः आप मुझे बतानेकी कृपा करें ॥ १ ॥… Read More