शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 14 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौदहवाँ अध्याय द्वाररक्षक गणेश तथा शिवगणों का परस्पर विवाद ब्रह्माजी बोले — तब उन गणों ने क्रुद्ध हो शिवजी की आज्ञा से वहाँ जाकर उन द्वारपाल गिरिजापुत्र से पूछा ॥ १ ॥ शिवगण बोले — तुम कौन हो, कहाँ से आये… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 13 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तेरहवाँ अध्याय गणेशोत्पत्ति का आख्यान, पार्वती का अपने पुत्र गणेश को अपने द्वार पर नियुक्त करना, शिव और गणेश का वार्तालाप सूतजी बोले — तारक के शत्रु कुमार के अद्भुत तथा उत्तम चरित्र को सुनकर प्रसन्न हुए नारदजी ने ब्रह्माजी से… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 12 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बारहवाँ अध्याय विष्णु आदि देवताओं तथा पर्वतों द्वारा कार्तिकेय की स्तुति और वरप्राप्ति, देवताओं के साथ कुमार का कैलासगमन, कुमार को देखकर शिव-पार्वती का आनन्दित होना, देवों द्वारा शिवस्तुति ब्रह्माजी बोले — तारक को मृत देखकर विष्णु आदि देवता तथा अन्य… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 11 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः ग्यारहवाँ अध्याय कार्तिकेय द्वारा बाण तथा प्रलम्ब आदि असुरों का वध, कार्तिकेय चरित के श्रवण का माहात्म्य ब्रह्माजी बोले — हे मुने ! इसी बीच बाण नाम के राक्षस से पीड़ित होकर क्रौंच नाम का एक पर्वत कुमार कार्तिकेय की शरण… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 10 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः दसवाँ अध्याय कुमार कार्तिकेय और तारकासुर का भीषण संग्राम, कार्तिकेय द्वारा तारकासुर का वध, देवताओं द्वारा दैत्यसेना पर विजय प्राप्त करना, सर्वत्र विजयोल्लास, देवताओं द्वारा शिवा-शिव तथा कुमार की स्तुति ब्रह्माजी बोले — शत्रुपक्ष के वीरों का नाश करनेवाले कुमार कार्तिकेय… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 09 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः नौवाँ अध्याय ब्रह्माजी का कार्तिकेय को तारक के वध के लिये प्रेरित करना, तारकासुर द्वारा विष्णु तथा इन्द्र की भर्त्सना, पुनः इन्द्रादि के साथ तारकासुर का युद्ध ब्रह्माजी बोले — हे देवदेव ! हे गुह ! हे स्वामिन् ! हे शंकरपुत्र… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 08 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः आठवाँ अध्याय देवराज इन्द्र, विष्णु तथा वीरक आदि के साथ तारकासुर का युद्ध ब्रह्माजी बोले — हे तात ! हे नारद ! इस प्रकार मैंने देव-दानव-सेनाओं के भयंकर युद्ध का वर्णन किया, अब दोनों सेनाओं के सेनापतियों-कार्तिकेय और तारकासुर के युद्ध… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 07 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सातवाँ अध्याय तारकासुर से सम्बद्ध देवासुर-संग्राम ब्रह्माजी बोले — विभु कार्तिकेय के इस चरित्र को देखकर विष्णु आदि देवताओं के मन में विश्वास हो गया और वे परम प्रसन्न हो गये । शिवजी के तेज से प्रभावित होकर वे उछलते तथा… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 06 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छठा अध्याय कुमार कार्तिकेय की ऐश्वर्यमयी बाललीला ब्रह्माजी बोले — हे नारद ! वहाँ पर रहकर कार्तिकेय ने अपनी भक्ति देनेवाली जो बाललीला की, उस लीला को आप प्रेमपूर्वक सुनिये । उस समय नारद नामक एक ब्राह्मण, जो यज्ञ कर रहा… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [चतुर्थ-कुमारखण्ड] – अध्याय 05 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पाँचवाँ अध्याय पार्वती के द्वारा प्रेषित रथ पर आरूढ़ हो कार्तिकेय का कैलासगमन, कैलास पर महान् उत्सव होना, कार्तिकेय का महाभिषेक तथा देवताओं द्वारा विविध अस्त्र-शस्त्र तथा रत्नाभूषण प्रदान करना, कार्तिकेय का ब्रह्माण्ड का अधिपतित्व प्राप्त करना ब्रह्माजी बोले — उसी… Read More