शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 13 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 13 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तेरहवाँ अध्याय शिवपूजन की सर्वोत्तम विधि का वर्णन ब्रह्माजी बोले — अब मैं पूजा की सर्वोत्तम विधि बता रहा हूँ, जो समस्त अभीष्ट सुखों को सुलभ करानेवाली है । हे देवताओ तथा ऋषियो ! आपलोग ध्यान देकर सुनें ॥ १ ॥… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 12 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 12 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बारहवाँ अध्याय भगवान् शिव की श्रेष्ठता तथा उनके पूजन की अनिवार्य आवश्यकता का प्रतिपादन नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे प्रजापते ! हे तात ! आप धन्य हैं; क्योंकि आपकी बुद्धि भगवान् शिव में लगी हुई है । हे विधे… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 11 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 11 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः ग्यारहवाँ अध्याय शिवपूजन की विधि तथा उसका फल ऋषि बोले — हे व्यासशिष्य महाभाग सूतजी ! आपको नमस्कार है, आज आपने भगवान् शिव की अद्भुत एवं परम पवित्र कथा सुनायी है ॥ १ ॥ उसमें अद्भुत, महादिव्य तथा कल्याणकारिणी लिंगोत्पत्ति हमलोगों… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 10 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 10 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः दसवाँ अध्याय श्रीहरि को सृष्टि की रक्षा का भार एवं भोग-मोक्ष-दान का अधिकार देकर भगवान् शिव का अन्तर्धान होना परमेश्वर शिवजी बोले — उत्तम व्रत का पालन करनेवाले हे हरे ! हे विष्णो ! अब आप मेरी दूसरी आज्ञा सुनें ।… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 09 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 09 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः नौवाँ अध्याय उमासहित भगवान् शिव का प्राकट्य, उनके द्वारा अपने स्वरूप का विवेचन तथा ब्रह्मा आदि तीनों देवताओं की एकता का प्रतिपादन ब्रह्माजी बोले — [हे नारद!] भगवान् विष्णु के द्वारा की हुई अपनी स्तुति सुनकर करुणानिधि महेश्वर प्रसन्न हुए और… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 08 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 08 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः आठवाँ अध्याय ब्रह्मा और विष्णु को भगवान् शिव के शब्दमय शरीर का दर्शन ब्रह्माजी बोले — मुनिश्रेष्ठ नारद ! इस प्रकार हम दोनों देवता गर्वरहित हो निरन्तर प्रणाम करते रहे । हम दोनों के मन में एक ही अभिलाषा थी कि… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 07 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 07 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सातवाँ अध्याय भगवान् विष्णु की नाभि से कमल का प्रादुर्भाव, शिवेच्छा से ब्रह्माजी का उससे प्रकट होना, कमलनाल के उद्गम का पता लगाने में असमर्थ ब्रह्मा का तप करना, श्रीहरि का उन्हें दर्शन देना, विवादग्रस्त ब्रह्मा-विष्णु के बीच में अग्निस्तम्भ का… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 06 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 06 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छठा अध्याय महाप्रलयकाल में केवल सब्रह्म की सत्ता का प्रतिपादन, उस निर्गुण-निराकार ब्रह्म से ईश्वरमूर्ति ( सदाशिव)-का प्राकट्य, सदाशिव द्वारा स्वरूपभूत शक्ति ( अम्बिका)-का प्रकटीकरण, उन दोनों के द्वारा उत्तम क्षेत्र ( काशी या आनन्दवन)-का प्रादुर्भाव, शिव के वामांग से परम… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 05 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 05 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पाँचवाँ अध्याय नारदजी का शिवतीर्थों में भ्रमण, शिवगणों को शापोद्धार की बात बताना तथा ब्रह्मलोक में जाकर ब्रह्माजी से शिवतत्त्व के विषय में प्रश्न करना सूतजी बोले — महर्षियो ! भगवान् श्रीहरि के अन्तर्धान हो जाने पर मुनिश्रेष्ठ नारद शिवलिंगों का… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 04 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [प्रथम-सृष्टिखण्ड] – अध्याय 04 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौथा अध्याय नारदजी का भगवान् विष्णु को क्रोधपूर्वक फटकारना और शाप देना, फिर माया के दूर हो जाने पर पश्चात्तापपूर्वक भगवान् के चरणों में गिरना और शुद्धि का उपाय पूछना तथा भगवान् विष्णु का उन्हें समझा-बुझाकर शिव का माहात्म्य जानने के… Read More