ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 23 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ तेईसवाँ अध्याय धेनुक के पूर्वजन्म का परिचय, बलि-पुत्र साहसिक तथा तिलोत्तमा का स्वच्छन्द विहार, दुर्वासा का शाप और वर, साहसिक का गदहे की योनि में जन्म लेना तथा तिलोत्तमा का बाणपुत्री ‘उषा’ होना नारदजी ने पूछा — भगवन् ! किस पाप से बलि-पुत्र… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 22 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ बाईसवाँ अध्याय ग्वाल-बालों का श्रीकृष्ण की आज्ञा से तालवन के फल तोड़ना, धेनुकासुर का आक्रमण, श्रीकृष्ण के स्पर्श से उसे पूर्वजन्म की स्मृति और उसके द्वारा श्रीकृष्ण का स्तवन, वैष्णवी माया से पुनः उसे स्वरूप की विस्मृति, फिर श्रीहरि के साथ उसका युद्ध… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 21 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ इक्कीसवाँ अध्याय नन्द द्वारा इन्द्रयाग की तैयारी, श्रीकृष्ण द्वारा इसके विषय में जिज्ञासा, नन्दजी का उत्तर और श्रीकृष्ण द्वारा प्रतिवाद, श्रीकृष्ण की आज्ञा के अनुसार इन्द्र का यजन न करके गोपों द्वारा ब्राह्मणों और गिरिराज का पूजन, उत्सव की समाप्ति पर इन्द्र का… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 20 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ बीसवाँ अध्याय मोहवश श्रीहरि के प्रभाव को जानने के लिये ब्रह्माजी के द्वारा गौओं, बछड़ों और बालकों का अपहरण, श्रीकृष्ण द्वारा उन सबकी नूतन सृष्टि, ब्रह्माजी का श्रीहरि के पास आना, सबको श्रीकृष्णमय देख उनकी स्तुति करके पहले के गौओं आदि को वापस… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 19 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ उन्नीसवाँ अध्याय श्रीकृष्ण का कालियदह में प्रवेश, नागराज का उन पर आक्रमण, श्रीकृष्ण द्वारा उसका दमन, नागपत्नी सुरसा द्वारा श्रीकृष्ण की स्तुति, श्रीकृष्ण की उस पर कृपा, सुरसा का गोलोक-गमन, छायामयी सुरसा की सृष्टि, कालिय को वरदान, कालिय द्वारा भगवान् की स्तुति, उस… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 18 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ अठारहवाँ अध्याय श्रीवन के समीप यज्ञ करने वाले ब्राह्मणों की पत्नियों का ग्वालबालों सहित श्रीकृष्ण को भोजन देना तथा उनकी कृपा से गोलोकधाम को जाना, श्रीकृष्ण की माया से निर्मित उनकी छायामयी स्त्रियों का ब्राह्मणों के घरों में जाना तथा विप्रपत्नियों के पूर्वजन्म… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 17 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ सत्रहवाँ अध्याय विश्वकर्मा का आगमन, उनके द्वारा पाँच योजन विस्तृत नूतन नगर का निर्माण, वृषभानु गोप के लिये पृथक् भवन, कलावती और वृषभानु के पूर्वजन्म का चरित्र, राजा सुचन्द्र की तपस्या, ब्रह्मा द्वारा वरदान, भनन्दन के यहाँ कलावती का जन्म और वृषभानु के… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 16 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ सोलहवाँ अध्याय वन में श्रीकृष्ण द्वारा बकासुर, प्रलम्बासुर और केशी का वध, उन सबका गोलोकधाम में गमन, उनके पूर्वजीवन का परिचय, पार्वती के त्रैमासिक व्रत का सविधि वर्णन तथा नन्द की आज्ञा के अनुसार समस्त व्रजवासियों का वृन्दावन में गमन भगवान् नारायण कहते… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 15 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ पन्द्रहवाँ अध्याय नन्द का शिशु श्रीकृष्ण को लेकर वन में गो-चारण के लिये जाना, श्रीराधा का आगमन, नन्द से उनकी वार्ता, शिशु कृष्ण को लेकर राधा का एकान्त वन में जाना, वहाँ रत्नमण्डप में नवतरुण श्रीकृष्ण का प्रादुर्भाव, श्रीराधा-कृष्ण की परस्पर प्रेमवार्ता, ब्रह्माजी… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-श्रीकृष्णजन्मखण्ड-अध्याय 14 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ चौदहवाँ अध्याय यशोदा के यमुनास्नान के लिये जाने पर श्रीकृष्ण द्वारा दही-दूध-माखन आदि का भक्षण तथा बर्तनों को फोड़ना, यशोदा का उन्हें पकड़कर वृक्ष से बाँधना, वृक्ष का गिरना, गोप-गोपियों तथा नन्दजी का यशोदा को उपालम्भ देना, नल- कूबर और रम्भा को शाप… Read More