ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 09 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ नौवाँ अध्याय श्रीहरि के अन्तर्धान हो जाने पर शिव-पार्वती द्वारा ब्राह्मण की खोज, आकाशवाणी के सूचित करने पर पार्वती का महल में जाकर पुत्र को देखना और शिवजी को बुलाकर दिखाना, शिव-पार्वती का पुत्र को गोद में लेकर आनन्द मनाना श्रीनारायण कहते हैं… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 08 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ आठवाँ अध्याय पार्वती की स्तुति से प्रसन्न हुए श्रीकृष्ण का पार्वती को अपने रूप के दर्शन कराना, वर प्रदान करना और बालकरूप से उनकी शय्या पर खेलना श्रीनारायण कहते हैं — नारद! पार्वती द्वारा किये गये उस स्तवन को सुनकर करुणानिधि श्रीकृष्ण ने… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 07 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ सातवाँ अध्याय पार्वती द्वारा व्रतारम्भ, व्रत-समाप्ति में पुरोहित द्वारा शिव को दक्षिणारूप में माँगे जाने पर पार्वती का मूर्च्छित होना, शिवजी तथा देवताओं और मुनियों का उन्हें समझाना, पार्वती का विषाद, नारायण का आगमन और उनके द्वारा पति के बदले गोमूल्य देकर पार्वती… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 06 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ छठवाँ अध्याय पार्वतीजी का व्रतारम्भ के लिये उद्योग, ब्रह्मादि देवों तथा ऋषि आदि का आगमन, शिवजी द्वारा उनका सत्कार तथा श्रीविष्णु से पुण्यक व्रत के विषय में प्रश्न, श्रीविष्णु का व्रत के माहात्म्य तथा गणेश की उत्पत्ति का वर्णन करना नारदजी ने पूछा… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 05 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ पाँचवाँ अध्याय पुण्यक-व्रत की माहात्म्य-कथा का कथन श्रीनारायण कहते हैं — नारद! इस प्रकार व्रत के विधान को सुनकर दुर्गा का मन प्रसन्नता से खिल उठा। तत्पश्चात् उन्होंने अपने स्वामी शिवजी से दिव्य एवं शुभकारिणी व्रत कथा के विषय में जिज्ञासा प्रकट की… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 04 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ चौथा अध्याय शिवजी द्वारा पार्वती से पुण्यक व्रत की सामग्री, विधि तथा फल का वर्णन श्रीनारायण कहते हैं — नारद! पुण्यक-व्रत का विधान सुनकर पार्वती का मन प्रसन्न हो गया। तत्पश्चात् उन्होंने व्रत की सम्पूर्ण विधि के विषय में प्रश्न करना आरम्भ किया… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 03 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ तीसरा अध्याय पुत्र प्राप्त्यर्थ पार्वती को पुण्यक व्रत का उपदेश महादेवजी ने कहा — पार्वति ! मैं उपाय बतलाता हूँ, सुनो। उससे तुम्हारा परम कल्याण होगा; क्योंकि त्रिलोकी में उपाय करने से कार्यसिद्धि होती ही है । मैं तुमसे जिस उपाय का वर्णन… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 02 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ दूसरा अध्याय देवताओं को पार्वती का शाप पार्वती की महादेवजी से पुत्रोत्पत्ति के लिये प्रार्थना, शिवजी का उन्हें पुण्यक-व्रत के लिये प्रेरित करना नारायण बोले — महादेव ने सुख त्याग कर सामने देवों को देखते ही पार्वती के भय से कृपापूर्वक कहा —… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण-गणपतिखण्ड-अध्याय 01 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ पहला अध्याय नारदजी की नारायण से गणेशचरित के विषय में जिज्ञासा, नारायण द्वारा शिव-पार्वती के विवाह तथा स्कन्द की उत्पत्ति का वर्णन, पार्वती की महादेवजी से पुत्रोत्पत्ति के लिये प्रार्थना, शिवजी का उन्हें पुण्यक-व्रत के लिये प्रेरित करना नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्… Read More


ब्रह्मवैवर्तपुराण – प्रकृतिखण्ड – अध्याय 67 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीराधाकृष्णाभ्यां नमः ॥ सडसठवाँ अध्याय प्रकृति-कवच या ब्रह्माण्ड-मोहन-कवच एवं उसका माहात्म्य नारदजी ने कहा — समस्त धर्मों के ज्ञाता तथा सम्पूर्ण ज्ञान में विशारद भगवन् ! ब्रह्माण्ड-मोहन नामक प्रकृति-कवच का वर्णन कीजिये । भगवान् नारायण बोले — वत्स ! सुनो। मैं उस… Read More