June 28, 2025 | aspundir | Leave a comment अग्निपुराण – अध्याय 181 ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥ एक सौ इक्यासीवाँ अध्याय षष्ठी तिथि के व्रत षष्ठीव्रतानि अग्निदेव कहते हैं — अब मैं षष्ठी सम्बन्धी व्रतों को कहता हूँ । कार्तिक के कृष्णपक्ष की षष्ठी को फलमात्र का भोजन करके कार्तिकेय के लिये अर्घ्यदान करना चाहिये। इससे मनुष्य भोग और मोक्ष प्राप्त करता है। इसे ‘स्कन्दषष्ठी व्रत’ कहते हैं। भाद्रपद के कृष्णपक्ष को षष्ठी तिथि में ‘अक्षयषष्ठी व्रत’ करना चाहिये। इसे मार्गशीर्ष में भी करना चाहिये। इस अक्षयषष्ठी के दिन किसी भी एक वर्ष निराहार रहने से मानव भोग और मोक्ष प्राप्त कर लेता है ॥ १-२ ॥’ ॥ इस प्रकार आदि आग्नेय महापुराण में ‘षष्ठी के व्रतों का वर्णन’ नामक एक सौ इक्यासीवाँ अध्याय पूरा हुआ ॥ १८१ ॥ Content is available only for registered users. Please login or register Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe