कन्या विवाह हेतु प्रार्थना
प्रस्तुत प्रार्थना माँ सीता ने भगवान् राम को पति रुप में पाने हेतु माँ पार्वती से किया था। पहले शुद्ध होकर दुर्गाजी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठे। फिर दुर्गा जी का भक्ति-भाव से अधीर होकर ‘पञ्चोपचार पूजन’ करे। पूजन के बाद प्रणाम करे-
“ॐ श्रीदुर्गायै सर्व-विघ्न-विनाशिन्यै नमः।”
पुनः हाथ जोड़कर प्रार्थना करे-
“ॐ सर्व-मंगल-मांगल्यै, सर्व-काम-प्रदे शिवे। देहि मे वाञ्छितं नित्यं, नमस्ते शंकर-प्रिये।।”
फिर, निम्न-लिखित मन्त्र का कम-से-कम २१ बार पाठ करे-
“ॐ दुर्गे शिवे अभये माये, नारायणि सनातनि। जये मे मंगलं देहि, नमस्ते सर्व-मंगले।।”
उक्त मन्त्र का २१ बार पाठ करने के बाद गाय के घी, शहद, मिश्री, लाल चन्दन का चूरा, अर्जुन की छाल, कमल गट्टे से हवन करे। अँगीठी में आम की लकड़ी की अग्नि या गाय के गोबर के कण्डे की अग्नि में नीचे लिखे नाम-मन्त्रों से ११ बार नित्य हवन करे-
१॰ ॐ श्री दुर्गायै नमः स्वाहा, २॰ ॐ श्रीशिवायै नमः स्वाहा, ३॰ ॐ श्रीअभयायै नमः स्वाहा, ४॰ ॐ श्रीमायायै नमः स्वाहा, ५॰ ॐ श्रीनाराण्यै नमः स्वाहा, ६॰ श्रीसनातन्यै नमः स्वाहा, ७॰ ॐ श्रीजयायै नमः स्वाहा, ८॰ ॐ श्रीमंगलायै नमः स्वाहा, ९॰ ॐ श्री सर्व-मंगलायै नमः स्वाहा।

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