January 4, 2016 | aspundir | 1 Comment गुड़-मोहन मन्त्र मन्त्रः- ”बन में उपजे बन की घास, जिसके रस में भारी मिठास ।। पी-पी पथिक मिटाए प्यास । घास पुराए सबकी आश ।। रस से गुड़, गुड़ से बन शक्कर । मोहे सुर-नृप-योगी-फक्कर ।। दोहाई कामाक्षा देवी की, गुड़ में कर दे माया । जिस-जिसके मुख में पड़े, मोहे मन-काया ।। मन्त्र फुरो, ईश्वरो वाचा शब्द न होवे काँचा । जा-जा रे गुड़ ! कर सत-गुरु का वचन साँचा । ॐ नमः कामाक्षाय अंकंचंटंतंपंयंशं ह्रीं क्रीं श्रीं फट् स्वाहा ।।” विधि :- रविवार या मङ्गलवार को एक छटाँक गुड़ खरीद लाए । उसी दिन अर्द्ध-रात्रि के समय, गाँव के बाहर, पीपल के नीचे, दक्षिण दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठे । पीपल के पत्ते पर गुड़ को रख दे । इसके बाद कुश लेकर उक्त मन्त्र पढ़ते हुए, कुश से गुड़ को स्पर्श करता जाए । १०८ बार मन्त्र पढ कर उस ‘गुड़’ को घर ले आए । ध्यान रहे, मन्त्र पढते समय श्री कामाक्षा का ध्यान करता रहे । मन्त्र सिद्ध हो जाएगा । फिर जब किसी को सम्मोहित करना हो, चमेली के तेल को ७ बार अभिमन्त्रित कर किसी युक्ति से इच्छित व्यक्ति के सिर मे डाल दे, तो वह व्यक्ति (स्त्री या पुरुष) साधक पर मोहित हो जाएगा । इस मन्त्र का प्रयोग स्त्री – पुरुष दोनो कर सकते है । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe
prnaam panditjee mujhe kamksha mantra ka kaluva bhoot mantra mere email par mail bajiye panditjee aap bhaut abaree rahunga Reply