September 21, 2015 | Leave a comment ग्रह-बाधा, ज्वर-नाशक विघ्नेश-मन्त्र “ॐ नमो गणपतये महा-वीर ! दश-भुज ! मदन-काल-विनाशन ! मृत्युं हन-हन, धम-धम, मथ-मथ, कालं संहर-संहर, सर्व-ग्रहांश्चूर्णय-चूर्णय, नागान् मोटय-मोटय, रुद्र-रुप त्रिभुवनेश्वर सर्वतोमुख ! हुं फट्-स्वाहा ।।” प्रयोगः- क॰ १०० बार उक्त मन्त्र जप कर भस्म का लेप करने से ज्वर का नाश होता है । ख॰ उक्त मन्त्र से जल अभिमन्त्रित करके छींटे मारने से चूहे, सर्प आदि भाग जाते हैं । ग॰ नित्य उक्त मन्त्र का १०० जप करने से ग्रह-बाधा तथा अप-मृत्यु का शमन होता है । Related