January 26, 2016 | Leave a comment देह बाँधना मन्त्रः- “धार राखै बारका, सीस राखै सोखा बीर । नाड़ी राखै नाहर सिंह, कपाल राखै, जोगनी । आगा राखै इन्द्र सिंह, पाछा राखै भीम सिंह । बारा कोस अगाड़ी राख, बारा कोस पिछाड़ी राख । तू जो कहै गौरा, मेरा प्रण न राखै, तो गौरा पारबती महा-देव की आन ।।” विधि – २१ दिन तक नित्य १०८ माला जप करे । बाइसवें दिन रात्रि में श्मशान में बारका, नाहर सिंह और सोखा बीर को अण्डा और शराब, जोगनी को नींबू, शराब और सिन्दूर, इन्द्र सिंह और भीम सिंह को ७-७ प्रकार की मिठाई, उड़द के बड़े और शराब अर्पित करें । यह क्रिया केवल एक बार ही करने से जीवन भर काम देगी । नित्य १ बार मन्त्र पढने से सर्व-विध रक्षा होगी । जादू-टोना, भूत-प्रेत, अभिचार आदि का कोई असर नहीं होगा । जङ्गल में पढ़ने पर जानवरों से रक्षा होगी । शत्रुओं से घिर जाने पर पढ़ने से शत्रु भय-भीत होकर भाग जाएँगे । अथवा मन्त्रः- “धार राखै बारका, सीस राखै सोखा बीर । नारी राखै नाहर सिंह, कपाल राखै, जोगनी । आगा राखै इन्द्र सिंह, पाछा राखै भीम सिंह । बारा कोस अगाड़ू राख, बारा कोस पिछाड़ू राख । तू जो गौरा कहै, मेरा प्रण न राखै, तो माता अञ्जनी वीर हनूमान की दुहाई ।।” विधिः- मङ्गलवार के दिन धूप देकर मन्त्र सिद्ध कर लें । आवश्यकता होने पर पढ़कर फूँक मारें या अगरबत्ती से झाड़ें । Related