January 17, 2016 | Leave a comment धन-धान्य की समृद्धि के लिए मन्त्रः- “ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी, मम गृहे धन पुरे । चिन्ता दूरे दूरे स्वाहा ।” विधि — खेती, खेती-सम्बन्धी व्यापार या अन्य किसी व्यवसाय अथवा नौकरी आदि के क्षेत्र में उन्नति हेतु उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करे । नित्य कुछ जप करता रहे । Related