मोहिनी शाबर मन्त्र
मन्त्रः-
“रँजेखुरा सिर हिरदै लावे । मेरी लीला को जग मोहे । जप मोहे देवी काल । नरसिंह की आस्ति नरसिंह, नये ठग मोहिनी । हाट मोहे, बाट मोहे, दौरे दीवान मोहे, भैया-वन्धु मोहे, वैरी-दुश्मन मोहे, रुठो भाखता यो काल मोहे । वैरी शत्रु देहरी बैठ बात बनाई । बाट सिंहा है निर्मल कला, कामती की विधि । भीष्म की गदा की दुहाई । नरसिंह तेरे मन्त्र की शक्ति । आई नरसिंह बैठ-बैठ । वर नाल बाट हरे । मोहे ठाकुर, मोहे परजा । मोहे मही, पालकी बैठो राजा मोहे, पीढ़ा बैठी रानी मोहे । बैरी देख जरै मरै, मोहे देख ठौठा करै । पाई लगे घरी पल माँहीं, हनुवीर आप पाइन-पाइन तर डार । मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति । अब देखों हनुवीर, तेरे मन्त्र की शक्ति । वाचा छोड़, कुवाचा करै, कुम्भी-नरक में पापी परै । हनुवीर नरसिंह मोहिनी रहो, न सत्या गह्यो ।।”

विधिः-
१॰ स्त्री के बाँएं तथा पुरुष के दाएँ पैर के नीचे की धूल तथा श्मशान की राख सात बार अभिमन्त्रित कर, स्त्री के सिर पर तथा पुरुष के पैरों पर छोड़े । वशीकरण होगा ।
२॰ सात बार अभिमन्त्रित की हुई कोई भी खाने-पीने की वस्तु खिलाने-पिलाने से वशीकरण होगा ।

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