वशीकरण मन्त्र
१॰ “ऐं भग-भुगे, भगनि, भगोदरि, भग-माले, योनि-भग-निपातिनी, सर्व-भग-वशंकरि, भग-रुपे, नित्यक्लैं, भग-स्वरुपे। सर्व-भगानि मे वशमानय। वरदे, रेते, सु-रेते, भग-क्लिन्ने, क्लीं न द्रवे, क्लेदय, द्रावय, अमोघे, भग-विधे, क्षुभ, क्षोभय, सर्व-सत्त्वान्, भगेश्वरी ऐं क्लं जं व्लूं मों व्लूं हे हे क्लिन्ने, सर्वाणि भगानि तस्मै स्वाहा।”
विधिः-
कामाक्षा अथवा योनि-स्वरुपा का ध्यान कर उक्त मन्त्र की १ माला एकाग्र मन से जपे, तो वशीकरण होता है, किन्तु सामाजिक मर्यादा तथा अपने चरित्र का ध्यान रखना आवश्यक है।

२॰ ” ऐं सहवल्लरी क्लीं कर क्लीं काम-पिशाचिनी॰॰॰॰॰(साध्या का नाम) काम-ग्राह्य-पद्मे मम रुपेण नखैविदारय, द्रावय द्रावय, बन्धय बन्धय, श्रीं फट।”
विधिः- उक्त मन्त्र का २० हजार जप कर सिद्ध कर लें। फिर जिस पर प्रयोग करना हो, उसे ध्यान में रखकर रात्रि में सोने से पूर्व ११०० मन्त्र प्रतिदिन जपें, तो शीघ्र ही वशीकरण हो जाता है।

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