July 24, 2015 | aspundir | Leave a comment शरीर रक्षा शाबर मन्त्र ‘मन्त्र-विद्या’ का प्रयोग करने वाले को देहाती भाषा में ‘ओझा’ कहते हैं : ‘ओझा’ भी जब झाड़-फूँक ले लिए कहीं जाता है, तो घर से चलते समय या उस स्थान पर पहुँच कर सबसे पहले अपने शरीर की रक्षा के लिए शरीर-रक्षा का मन्त्र पढ़ लेता है, जिससे यदि उस स्थान पर भूत-प्रेतादि का उपद्रव हो, तो उसे हानि न पहुँचा सके । शरीर-रक्षा का ऐसा ही एक मन्त्र यहाँ उद्धृत है – ” उत्तर बाँधों, दक्खिन बाँधों, बाँधों मरी मसानी, डायन भूत के गुण बाँधों, बाँधों कुल परिवार, नाटक बाँधों, चाटक बाँधों, बाँधों भुइयाँ वैताल, नजर गुजर देह बाँधों, राम दुहाई फेरों ।” प्रयोग विधिः- उक्त मन्त्र को अधिक-से-अधिक संख्या में किसी पर्व-काल में जप लेने से वह सिद्ध हो जाता है । शरीर-रक्षा की आवश्यकता पड़े, तो सिद्ध मन्त्र का नौ बार उच्चारण करके हाथ की हथेली पर नौ बार फूँक मारे और हथेली को पूरे शरीर पर फिरा दें । इससे देह बँध जाएगी । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe