January 25, 2016 | Leave a comment सुरक्षा-कारक मन्त्र मन्त्रः- “इर्द-गिर्द या अली चौफिर्द मुस्तफा । मदद मेरी को पहुंचिए, पञच-पीर मूर्त्तजा । लाइल्लाह का कोट, इल्लाह की खाई । हजरत मुहम्मद रसूल को चौकी, अल्लाह की दुहाई ।।” विधि – उक्त मन्त्र को नौचन्दी शुक्रवार अर्थात् जिस दिन वीर-वार की रात्रि को शुक्ल पक्ष की द्वितीया हो, एक हजार बार ‘जप’ कर सिद्ध कर लें और सवा किलो ‘प्रसाद’ पञ्च – पीर के नाम से बाँटें । ‘प्रयोग’ के समय अपने या रोगी के चारों तरफ उक्त मन्त्र पढ़कर चाकू से रेखा खींचे । इससे सभी प्रकार की बाधाओ से रक्षा होती है । Related