सुरक्षा-कारक मन्त्र
मन्त्रः- “इर्द-गिर्द या अली चौफिर्द मुस्तफा । मदद मेरी को पहुंचिए, पञच-पीर मूर्त्तजा । लाइल्लाह का कोट, इल्लाह की खाई । हजरत मुहम्मद रसूल को चौकी, अल्लाह की दुहाई ।।”

vaficjagat
विधि – उक्त मन्त्र को नौचन्दी शुक्रवार अर्थात् जिस दिन वीर-वार की रात्रि को शुक्ल पक्ष की द्वितीया हो, एक हजार बार ‘जप’ कर सिद्ध कर लें और सवा किलो ‘प्रसाद’ पञ्च – पीर के नाम से बाँटें । ‘प्रयोग’ के समय अपने या रोगी के चारों तरफ उक्त मन्त्र पढ़कर चाकू से रेखा खींचे । इससे सभी प्रकार की बाधाओ से रक्षा होती है ।

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