हनुमान् ज्योतिष
विधिः- जिज्ञासु को स्नानादि से शुद्ध होकर “ॐ रां रामाय नमः” मन्त्र का ११ बार जप कर “ॐ हनुमते नमः” का जप करना चाहिए । उसके बाद सम्पूर्ण राम दरबार का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर तर्जनी अंगुली घुमाते एवं मन-ही-मन अपने प्रश्न को दोहराते हुए किसी एक कोष्ठक पर अंगुली रोक लें । जिस अंक पर अंगुली आयी है, उसका फलादेश पढ़ें एवं तदनुसार निर्णय लें ।

प्रश्नावली चक्र

01 02 03 04 05 06 07 08
16 15 14 13 12 11 10 09
17 18 19 20 21 22 23 24
32 31 30 29 28 27 26 25
33 34 35 36 37 38 39 40
48 47 46 45 44 43 42 41
49 50 51 52 53 54 55 56
64 63 62 61 60 59 58 57

फलादेश
०१॰ आप जब भी समय मिले ‘राम’ नाम का जप करें । आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी ।
०२॰ आप जो कार्य करना चाह रहे हैं, उसमें हानि होगी । अपने विचार को त्याग कर दूसरा कार्य आरम्भ करें ।
०३॰ आपकी चिन्ता शीघ्र दूर होगी, विघ्न मिटेगा और जीवन सुखमय होगा ।
०४॰ आपको लाभ प्राप्त होगा । कुल में वृद्धि होगी । सुख-सम्पत्ति प्राप्त होगी । कुल देवता की पूजा करें ।
०५॰ शनिदेव की पूजा से आपकी चिन्ता दूर होगी । आपको लाभ हो रहा है, अतः व्यापारिक यात्रा करनी पड़े, तो घबराएँ नहीं ।
०६॰ प्रतिदिन स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान् का पूजन करें । आप जो चाहेंगे, वह मिलेगा । महीने के अन्त तक मनोकामना पूर्ण होगी ।
०७॰ आपकी धन की कमी की चिन्ता शीघ्र दूर होगी । परिवार में वृद्धि होगी । स्त्री से धन प्राप्त होगा ।
०८॰ आप धन और सन्तान दोनों प्राप्त करेंगे । शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करना आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा ।
०९॰ आपको सरकार का काम मिलेगा । जो वस्तु दूर चली गई है, वह पुनः मिलेगी । भगवान् श्रीराम की पूजा करें, लाभ प्राप्त होगा ।
१०॰ आपका मन हर्षित रहेगा एवं मनोरथ पूर्ण होगा । नित्य भगवान् का पूजन करें ।
११॰ हानि देने वाला व्यापार करना उचित नहीं है । दूसरा व्यवसाय करें अन्यथा हानि होगी ।
१२॰ राज्य की ओर से लाभ मिलेगा । पूर्व दिशा आपके किए फलदायी सिद्ध होगी । परिवार में मान-सम्मान बढ़ेगा ।
१३॰ एक सप्ताह बाद आपका श्रेष्ठ समय आने वाला है । कोई दुःख नहीं रहेगा ।
१४॰ मनचाही वस्तु हाथ आएगी । राज्य की ओर से लाभ प्राप्ति का योग है । मित्र एवं भाई से मिलाप होगा ।
१५॰ आप स्वप्न में किसी गाँव में स्वयं को जाता देखे तो शुभ है । पुत्र से लाभ मिलेगा । धन प्राप्त होगा ।
१६॰ स्वप्न में देवी के दर्शन शुभ रहेंगे । आपका सोचा हुआ कार्य पूर्ण होगा ।
१७॰ आपका अच्छा समय आ गया है । सभी चिन्ताओं का शमन होगा । धन एवं सुख प्राप्त होगा । स्वप्न में दिखी अच्छी बात का बुरा और बुरी बात का अच्छा फल मिलेगा ।
१८॰ आपके लिए यात्रा लाभप्रद एवं सुखद रहने का योग है । यदि परदेश जाने की इच्छा है, तो अवश्य जाएँ, लाभ मिलेगा ।
१९॰ आपके मन में स्त्री और अर्थ (धन) सम्बन्धी चिन्ता है । इसे दूर होने में सोलह माह लगेंगे । माता-पिता की आज्ञा लेकर ही कोई कार्य करें । कुल देवता एवं ब्राह्मण की सेवा करें ।
२०॰ प्रत्येक शनिवार को शनिदेव का पूजन करना आपके लिए कल्याणकारी रहेगा । गुम हुई वस्तु मिलेगी एवं धन सम्बन्धी चिन्ता दूर होगी ।
२१॰ अब आपकी चिन्ताओं के दूर होने का समय आ गया है । आप जो भी कार्य करेंगे, उसमें आपको लाभ प्राप्त होगा ।
२२॰ भगवान् की पूजा एवं माता-पिता की सेवा आपके लिए आवश्यक है । आपके घर में क्लेश रहता है । मित्रों एवं स्त्री से मतभेद भी है ।
२३॰ आप नियमित रुप से मंदिर में पूजा करें । आपकी सभी चिन्ताओं का निवारण होगा ।
२४॰ आपको नवग्रहों की पूजा करनी चाहिए । इससे गृह क्लेश मिटेगा । आप अपनों से अधिक परायों की चिन्ता करना छोड़ें ।
२५॰ आर्थिक तंगी के कारण आपके घर की सुख-शांति खत्म हो रही है । अगले महीने से आपको लाभ मिलना शुरु होगा । यह तभी सम्भव है, जब आपको स्वप्न में कोई नगर या वृक्ष न दिखे ।
२६॰ जो आपने मन में ठानी है, वह कतई न करें । उससे आपको लाभ नहीं होगा । सत्यनारायण भगवान् की पूजा आपके लिए लाभदायक है ।
२७॰ आप इस वक्त जो कार्य कर रहे हैं, वह सुख की बजाय चिन्ता देगा । लाभ भी नहीं होगा । दूसरा कार्य करें । कुल देवता का पूजन करना आपके लिए लाभदायक रहेगा ।
२८॰ आप पीपल के वृक्ष की पूजा करें । इससे आपके घर में तनाव का महौल समाप्त होगा एवं कुटुम्ब में एकता स्थापित होगी ।
२९॰ आप त्रिदेवों की प्रतिदिन पूजा करें । इससे आपको इच्छित फल की प्राप्ति होगी । घर में सुख-शान्ति रहेगी ।
३०॰ रविवार का व्रत एवं सूर्यदेव का पूजन करने से आपको लाभ मिलेगा । व्यापार में सावधानी बरतें ।
३१॰ आपको व्यापार में लाभ होगा । घर में आनन्द का वातावरण बनेगा ।
३२॰ आपके शरीर पर तिल एवं मस्से आपके लिए शुभ हैं । आप सभी सुख होते हुए भी व्यर्थ की चिन्ता कर रहे हैं ।
३३॰ माता-पिता की सेवा करें, ब्राह्मण को भोजन करवाएँ तथा भगवान् राम का नाम लेकर प्रत्येक कार्य शुरु करें, लाभ मिलेगा ।
३४॰ मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी, धन-धान्य एवं परिवार में वृद्धि के योग हैं । स्वप्न में हाथी दिखना शुभ रहेगा ।
३५॰ परिस्थितियाँ आपके विरुद्ध चल रही हैं । कुत्तों को खाना खिलाएँ एवं भगवान् दत्तात्रेय का पूजन करें ।
३६॰ प्रतिदिन गणेशजी की पूजा करें । आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी ।
३७॰ आप जो व्यापार कर रहे हैं, उसी को जारी रखें । एक माह बाद परिस्थितियाँ आपके अनुकूल हो जाएँगी ।
३८॰ धन-हानि से चिन्ता उत्पन्न होगी । फिर भी, जो कार्य कर रहे हैं, उसमें लगे रहें । सब कुछ अपने आप ठीक हो जाएगा ।
३९॰ भगवान् सत्यनारायण की पूजा करना आपके लिए शुभ रहेगा । आपके सभी दुःखों का नाश होगा । सौभाग्य प्राप्त होगा ।
४०॰ हनुमान् जी का पूजन आपके लिए लाभदायक रहेगा । खेती और व्यापार दोनों से लाभ होगा । इच्छित फल मिलेगा ।
४१॰ आपको धन की प्राप्ति होगी । कुटुम्ब में वृद्धि होगी एवं आपकी चिन्ताएँ दूर होंगी ।
४२॰ आपको शीघ्र सफलता प्राप्त होगी । माता-पिता और मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा । अपने खर्चों पर अंकुश लगाएँ ।
४३॰ आपकी सभी चिन्ताओं और दुःखों का नाश होगा । भाइयों और मित्रों से मिलाप होगा ।
४४॰ धार्मिक कार्यों में मन लगाएँ एवं प्रतिदिन पूजा-अर्चना करें । इससे आपको व्यापार में लाभ प्राप्त होगा ।
४५॰ आप धैर्य बनाए रखें । व्यर्थ चिन्ता नहीं करें । आपको मनोवांछित फल मिलेगा एवं सुख-समृद्धि बढ़ेगी ।
४६॰ धार्मिक कार्य करने से आपको लाभ प्राप्त होगा । घर के प्रति प्रीति बढ़ेगी । धैर्य रखें ।
४७॰ आपके शत्रु बहुत हैं, लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है । आपने जो सोचा है, वह पूर्ण होगा ।
४८॰ आप जो कार्य कर रहे हैं, उसे करते रहें, उसमें लाभ प्राप्त होगा । भाइयों से मिलाप होगा एवं मित्रों का सहयोग भी प्राप्त होगा ।
४९॰ प्रभु-भक्ति में ध्यान लगाएँ । इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी । धन-लाभ भी होगा ।
५०॰ आपकी चिन्ताएँ शीघ्र दूर होगी । आपकी चीज, जो दूसरे के पास है, वह आपको मिल जायेगी, धैर्य रखें ।
५१॰ धनोपार्जन के लिए व्यापार करना उचित है । दान-पुण्य करना आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा ।
५२॰ आपकी चिन्ताएँ एक महीने के अन्दर समाप्त हो जाएँगी । व्यापार करने से लाभ प्राप्त होगा ।
५३॰ परदेश जाने पर ही आपका मनोरथ पूर्ण होगा । कुलदेवता की नित्य पूजा करें ।
५४॰ आप जो भी कार्य करें, पूर्ण सोच-विचार के बाद करें । हानि से घबराएँ नहीं, कुछ ही समय बाद लाभ मिलने लगेगा ।
५५॰ आप मन्दिर में नित्य दीपक जलाएँ । इससे आपको लाभ मिलेगा । शत्रु नष्ट होंगे । साथ ही, घर में नया मेहमान आएगा ।
५६॰ परिजनों की बिमारी आपकी चिन्ता का कारण है । उचित उपचार करवाएँ १० दिन में सभी को रोगों से मुक्ति मिलेगी ।
५७॰ आपके मन में सोचा हुआ कार्य पूर्ण होगा । रोग शीघ्र दूर होगा और पदोन्नति सम्भव है ।
५८॰ आपको परदेश जाने पर सम्मान की प्राप्ति होगी । धन-धान्य में वृद्धि होगी । चिन्ताएँ समाप्त होंगी ।
५९॰ दान-पुण्य करने से आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी, जिससे आपको सुख-शान्ति मिलेगी ।
६०॰ जो कार्य मन में सोचा है, वह अवश्य पूरा होगा । आप अपने भाई-बन्धुओं से मन-मुटाव न रखें ।
६१॰ जो विचार मन में आया है, उसे पूरा करें, सफलता प्राप्त होगी । उपाय करने से सुफल की प्राप्ति होगी ।
६२॰ आप नित्य शिवजी की पूजा करें और मन्दिर में एक दीपक अवश्य जलाएँ । आपकी चिन्ताएँ दूर होंगी और लाभ प्राप्त होगा ।
६३॰ आपके मन में जिस कार्य का प्रश्न है, वह कार्य अशुभ है । इससे चिन्ता और क्लेश बढ़ेगा । नवग्रह की पूजा आपके लिए शुभ रहेगी ।
६४॰ आप श्रीराम के नाम की कागज की गोली बनाकर बहते जल में डालें, सभी सुख मिलेंगे ।

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