श्री कृष्ण शलाका प्रश्नावली Shri_Krishan_Shalaka_questionnaire मि भ म ह हो अ त वि कि क का मि लि ा न रि इ स न धि ये ह म ल ह गि अ इ ह फ म वि सु ध न त हि तु नु च्छा हु ल न धा कृ र्म हो न तु म्हा… Read More


सन्तानगोपाल स्तोत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । सन्तानगोपालस्तोत्रं श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसंप्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥१॥… Read More


भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न मन्त्र  आप सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं (१) एकाक्षर कृष्णः क॰ “क्लीं” (हिन्दी-तन्त्रसार / मेरुतन्त्र) ख॰ “ग्लौं” (मेरु-तन्त्र) ग॰ बाल-गोपाल-मन्त्र- “कृः” (हिन्दी-तन्त्रसार) घ॰ बाल-गोपाल-मन्त्र- “कृं” (मेरु-तन्त्र)… Read More


श्रीकृष्णस्तवराजः ॥ श्रीमहादेव उवाच ॥ श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि स्तोत्रं परमदुर्लभम् । यज्ज्ञात्वा न पुनर्गच्चेन्नरो निरययातनाम् ॥ १ ॥ नारदाय च यत्प्रोक्तं ब्रह्मपुत्रेण धीमता । सनत्कुमारेण पुरा योगींद्रगुरुवर्त्मना ॥ २ ॥… Read More


सर्व-सिद्ध-प्रद ब्रह्माण्ड-पावन श्रीकृष्ण कवच ॥ ब्रह्मोवाच ॥ राधाकान्त महाभाग ! कवचं यत् प्रकाशितं । ब्रह्माण्ड-पावनं नाम, कृपया कथय प्रभो ! ॥ १ ॥ मां महेशं च धर्मं च, भक्तं च भक्त-वत्सल । त्वत्-प्रसादेन पुत्रेभ्यो, दास्यामि भक्ति-संयुतः ॥ २ ॥ ब्रह्माजी बोले – हे महाभाग ! राधा-वल्लभ ! प्रभो ! ‘ब्रह्माण्ड-पावन’ नामक जो कवच आपने प्रकाशित… Read More


नागपत्नीकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रं ।।सुरसोवाच।। हे जगत्कान्त कान्तं मे देहि मानं च मानद । पतिः प्राणाधिकः स्त्रीणां नास्ति बन्धुश्च तत्परः ।।१ अयि सुरवरनाथ प्राणनाथं मदीयं न कुरु वधमनन्तप्रेमसिन्धो सुबन्धो । अखिलभुवनबन्धो राधिकाप्रेमसिन्धो पतिमिह कुरु दानं मे धिधातुर्विधातः ।।२ त्रिनयनविधिशेषाः षण्मुखश्चास्यसङ्घैः स्तवनविषयजाड्याः स्तोतुमीशा न वाणी । न खलु निखिलवेदाः स्तोतुमन्येऽपि देवाः स्तवनविषयशक्ताः सन्ति सन्तस्तवैव ।।३… Read More


इन्द्रकृतं परमेश्वर-श्रीकृष्णस्तोत्रं इन्द्र उवाच अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरुपं सनातनम् । गुणातीतं निराकारं स्वेच्छामयमनन्तकम् ।।१ भक्तध्यानाय सेवायै नानारुपधरं वरम् । शुक्लरक्तपीतश्यामं युगानुक्रमणेन च ।।२ शुक्लतेजःस्वरुपं च सत्ये सत्यस्वरुपिणम् । त्रेतायां कुङ्कुमाकारं ज्वलन्तं ब्रह्मतेजसा ।।३… Read More


गोपालाक्षय कवचम् गर्भपात की आशंका होने पर या बार-बार गर्भपात होने की स्थिति में निम्न स्तोत्र का पाठ नियमित करना चाहिये । ।। श्री गणेशाय नमः ।। ।। श्रीनारद उवाच ।। इन्द्राद्यमरवर्गेषु ब्रह्मन्यत्परमाऽद्भुतम् । अक्षयं कवचं नाम कथयस्व मम प्रभो ।। १ ।। यद्धृत्वाऽऽकर्ण्य वीरस्तु त्रैलोक्य विजयी भवेत् ।… Read More


श्रीकृष्ण कीलक एक बार माता पार्वती कृष्ण बनी तथा श्री शिवजी माँ राधा बने। उन्हीं पार्वती रूप कृष्ण की उपासना हेतु उक्त ‘कृष्ण-कीलक’ की रचना हुई।… Read More


आत्म-ज्योति-साधना श्रीमद्-भगवद्-गीता में व्यवहार और अध्यात्म के प्रत्येक पक्ष का वर्णन है। दैनन्दिन जीवन में गीता उपयोगी मार्ग-दर्शन करती है। साधना-क्षेत्र में गीता सहज ही अग्रसर करती है। मन्त्र-शास्त्र की दृष्टि से गीता का प्रत्येक श्लोक दिव्य मन्त्र है। साहित्य तथा तत्त्व-ज्ञान में गीता श्रेष्ठ है। यहाँ मुमुक्षु जनों के लिए अति गोपनीय साधना पहली… Read More