शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 13 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तेरहवाँ अध्याय ब्रह्मा की आज्ञा से दक्ष द्वारा मैथुनी सृष्टि का आरम्भ, अपने पुत्र हर्यश्वों तथा सबलाश्वों को निवृत्तिमार्ग में भेजने के कारण दक्ष का नारद को शाप देना नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे विधे ! हे महाप्राज्ञ !… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 12 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बारहवाँ अध्याय दक्षप्रजापति का तपस्या के प्रभाव से शक्ति का दर्शन और उनसे रुद्रमोहन की प्रार्थना करना नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे शिवभक्त ! हे प्राज्ञ ! हे निष्पाप ! आपने शिवा तथा शिव के कल्याणकारी चरित्र का भली-भाँति… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 11 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः ग्यारहवाँ अध्याय ब्रह्मा द्वारा जगदम्बिका शिवा की स्तुति तथा वर की प्राप्ति नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे महाप्राज्ञ ! हे तात ! [आपसे] इस प्रकार कहकर विष्णु के अन्तर्धान हो जाने पर क्या हुआ ? हे विधे ! आपने… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 10 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः दसवाँ अध्याय ब्रह्मा और विष्णु के संवाद में शिवमाहात्म्य का वर्णन नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे विधे ! हे महाभाग ! आप धन्य हैं, जो आपकी बुद्धि शिव में आसक्त है । आपने परमात्मा शंकरजी के सुन्दर चरि त्रका… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 09 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः नौवाँ अध्याय कामदेव द्वारा भगवान् शिव को विचलित न कर पाना, ब्रह्माजी द्वारा कामदेव के सहायक मारगणों की उत्पत्ति; ब्रह्माजी का उन सबको शिव के पास भेजना, उनका वहाँ विफल होना, गणोंसहित कामदेव का वापस अपने आश्रम को लौटना ब्रह्माजी बोले… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 08 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः आठवाँ अध्याय कामदेव के सहचर वसन्त के आविर्भाव का वर्णन सूतजी बोले — प्रजापति ब्रह्माजी का यह वचन सुनकर प्रसन्नचित्त हो नारदजी उनसे कहने लगे —- ॥ १ ॥ नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे विधे ! हे महाभाग !… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 07 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सातवाँ अध्याय महर्षि मेधातिथि की यज्ञाग्नि में सन्ध्या द्वारा शरीरत्याग, पुनः अरुन्धती के रूप में यज्ञाग्नि से उत्पत्ति एवं वसिष्ठमुनि के साथ उसका विवाह ब्रह्माजी बोले — इस प्रकार भगवान् सदाशिव जब सन्ध्या को वर प्रदानकर अन्तर्धान हो गये, तब सन्ध्या… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 06 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छठा अध्याय सन्ध्या द्वारा तपस्या करना, प्रसन्न हो भगवान् शिव का उसे दर्शन देना, सन्ध्या द्वारा की गयी शिवस्तुति, सन्ध्या को अनेक वरों की प्राप्ति तथा महर्षि मेधातिथि के यज्ञ में जाने का आदेश प्राप्त होना ब्रह्माजी बोले — हे पुत्रवर… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 05 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पाँचवाँ अध्याय ब्रह्मा की मानसपुत्री कुमारी सन्ध्या का आख्यान सूतजी बोले — हे महर्षियो ! ब्रह्माजी के इस वचन को सुनकर मुनिश्रेष्ठ [नारद] प्रसन्नचित्त होकर शंकरजी का स्मरण करके आनन्दपूर्वक कहने लगे — ॥ १ ॥… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 04 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौथा अध्याय कामदेव के विवाह का वर्णन नारदजी बोले — हे विष्णुशिष्य ! हे महाप्राज्ञ ! हे विधे ! संसार की रचना करनेवाले हे प्रभो ! आपने शिवजी की लीलारूपी अमृत से युक्त यह अद्भुत कथा कही ॥ १ ॥ हे… Read More