October 13, 2015 | aspundir | Leave a comment अष्टा-विंशत्यक्षर वीरवर-गणपति मन्त्रः- “ह्रीं क्लीं वीर-वर-गणपतये वः वः इदं विश्वं मम वशमानय ॐ ह्रीं फट् ।” ‘मंत्र-महार्णव’ में उल्लेखित उक्त मन्त्र का रक्त-वस्त्र पहन कर, रक्त-चन्दन का त्रिपुण्ड लगा कर १२ सहस्र जप करें । फिर प्रतिदिन पञ्चामृत से स्नान कर १०८ बार जप करें । उक्त मन्त्र के जप करने से अष्ट-सिद्धियाँ प्राप्त होती है । Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe