January 28, 2019 | Leave a comment उल्टी-सीधी बिस्मल्लाह हमजाद साधना विधिः- रात्रि में बारह बजे के बाद कुएँ में अपने पाँव लटका कर उक्त मन्त्र का ११ बार जप करे । दूसरे दिन १०० बार, तीसरे दिन १०१ बार जप करे । इसी प्रकार प्रति-दिन एक – एक संख्या बढ़ाते-बढ़ाते २१ दिनों में पूरा करे । बाद में आनेवाला दिन बाइसवाँ होगा । २२ वें दिन से एक-एक संख्या घटाना प्रारम्भ करे — घटाते-घटाते यहाँ तक आगे जाए कि ११ पर आ जाए । यह एक ‘चीतला’ या क्रम पूरा हुआ अथवा प्रथम अनुष्ठान हुआ । जब २२ वें दिन से एक-एक मन्त्र जप घटाना प्रारम्भ करेंगे, तो ऐसी अनुभूति होगी कि आपके साथ दूसरा भी कोई है । जब घटाते-घटाते ११ की संख्या पर पहुंचेंगे । तब कुछ शक्लें दिखाई देंगी । वे बात नहीं करेंगी । जब उक्त प्रकार तीन क्रम या अनुष्ठान कर लेंगे, तब वे शक्लें आपसे बात भी करेंगी और आपकी इच्छा के अनुसार काम भी करेंगी । आप अपना मनचाहा काम उनसे करवा सकेंगे । शत्रु परास्त होगा, साधक की विजय होगी । प्रयोगकाल में या उसके पहले या बाद में कोई भी नियम पालन करने की आवश्यकता नहीं है । तथापि शराब व मांस – मछली का त्याग करना चाहिए । कुआं ऐसा चुने, जिसके पानी का उपयोग कोई न करता हो । मन्त्र का जप करते समय यदि किसी ने कुएं में से जल भर लिया, तो प्रयोग निष्फल हो जाएगा । मन्त्रः- Content is available only for registered users. Please login or register Related