December 13, 2018 | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – ७१ ब्रह्मा द्वारा कहा गया भगवान् सूर्य का नाम-स्त्रोत्र ब्रह्माजी बोले – याज्ञवल्क्य ! भगवान् सूर्य जिन नामों के स्तवन से प्रसन्न होते हैं, मैं उनका वर्णन कर रहा हूँ – नमः सूर्याय नित्याय रवयेऽर्काय भानवे । भास्कराय मतङ्गाय मार्तण्डाय विवस्वते ॥ नित्य, रवि, अर्क, भानु, भास्कर, मतङ्ग, मार्तण्ड तथा विवस्वान् नामों से युक्त भगवान् सूर्य को मेरा नमस्कार है ।अदित्यायादिदेवाय नमस्ते रश्मिमालिने । दिवाकाराय दीप्ताय अग्नये मिहिराय च ॥ आदिदेव,रश्मिमाली, दिवाकर, दीप्त, अग्नि तथा मिहिर नामक भगवान् आदित्य को मेरा नमस्कार है । प्रभाकराय मित्राय नमस्तेऽदितिसम्भव । नमो गोपतये नित्यं दिशां च पतये नमः ॥ हे अदिति के पुत्र भगवान् सूर्य ! आप प्रभाकर, मित्र, गोपति (किरणों के स्वामी) तथा दिक्पति नाम वाले हैं, आपको मेरा नित्य नमस्कार है । नमो धात्रे विधात्रे च अर्यम्णे वरुणाय च । पूष्णे भगाय मित्राय पर्जन्यायांशवे नमः ॥ धाता, विधाता अर्यमा, वरुण पूषा, भग, मित्र, पर्जन्य, अंशुमान् नाम वाले भगवान् सूर्य को मेरा प्रणाम है ।नमो हितकृते नित्यं धर्माय तपनाय च । हरये हरिताश्वाय विश्वस्य पतये नमः ॥ हितकृत (संसारका कल्याण करनेवाले), धर्म, तपन, हरि, हरिताश्व (हरे रंगके अश्वों वाले), विश्वपति भगवान् सूर्य को नित्य मेरा नमस्कार है । विष्णवे ब्रह्मणे नित्यं त्र्यम्बकाय तथात्मने । नमस्ते सप्तलोकेश नमस्ते सप्तसप्तये ॥ विष्णु, ब्रह्रा, त्र्यम्बक (शिव), आत्मस्वरूप, सप्तसप्ती, हे सप्तलोकेश ! आपको मेरा नमस्कार है । एकस्मै हि नमस्तुभ्यमेकचक्ररथाय च । ज्योतिषां पतये नित्यं सर्वप्राणभृते नमः ॥ अद्वितीय, एकचक्ररथ (जिनके रथमें एक ही चक्र है), ज्योतिष्पति, हे सर्वप्राणभृत् ! (सभी प्राणियों का भरण-पोषण करनेवाले) आपको मेरा नित्य नमस्कार है ।हिताय सर्वभूतानां शिवायार्तिहराय च । नमः पद्मप्रबोधाय नमो वेदादिमूर्तये ॥ समस्त प्राणिजगत् का हित करनेवाले, शिव (कल्याणकारी) और आर्तिहर (दुःखविनाशी), पद्मप्रबोध (कमलों को विकसित करनेवाले), वेदादिमूर्ति भगवान् सूर्य को नमस्कार है । काधिजाय नमस्तुभ्यं नमस्तारासुताय च । भीमजाय नमस्तुभ्यं पावकाय च वै नमः ॥ प्रजापतियों के स्वामी महर्षि कश्यप के पुत्र ! आपको नमस्कार है । भीमपुत्र तथा पावक नामवाले तारासुत ! आपको नमस्कार है, नमस्कार है । धिषणाय नमो नित्यं नमः कृष्णाय नित्पदा । नमोऽस्त्वदितिपुत्राय नमो लक्ष्याय नित्यशः ॥ धिषण, कृष्ण, अदितिपुत्र तथा लक्ष्य नामवाले भगवान् सूर्य को बार-बार नमस्कार है । ब्रह्माजीने कहा – याज्ञवल्क्य ! जो मनुष्य सायंकाल और प्रातःकाल इन नामों का पवित्र होकर पाठ करता है, वह मेरे समान ही मनोवाञ्छित फलों को प्राप्त करता है । इस नाम-स्तोत्र से सूर्य की आराधना करने पर उनके अनुग्रह से धर्म, अर्थ, काम, आरोग्य, राज्य तथा विजय की प्राप्ति होती है । यदि मनुष्य बन्धन में हो तो इसके पाठ से बन्धन-मुक्त हो जाता है । इसके जप करने से सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है । यह जो सूर्य-स्तोत्र मैंने कहा है, वह अत्यन्त रहस्यमय है । (अध्याय ७१) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ 46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० Related