December 14, 2018 | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९० ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – ८८ से ९० विजय, आदित्याभिमुख तथा हृदयवार – व्रतों की विधि ब्रह्माजी बोले – दिण्डिन् ! शुक्ल पक्ष में रोहिणी नक्षत्र से युक्त सप्तमी तिथि को विजय-संज्ञक आदित्यवार कहते हैं । वह सम्पूर्ण पापों और भयों को नष्ट कर देता है । उस दिन सम्पन्न किये गये पुण्यकर्म कोटिगुना फल प्रदान करते हैं ।दिण्डिन् ! माघ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को जो दिन हो उसे आदित्याभिमुख कहते हैं । उस दिन प्रातःकाल ही स्नान कर गन्ध-पुष्पादि उपचारों से सूर्यनारायण की पूजा करनी चाहिये । तदनन्तर रक्तचन्दन के काष्ठ से बने हुए स्तम्भ का आश्रय लेकर सूर्यदेव की ओर मुखकर महाश्वेता-मन्त्र जपते हुए सायंकाल तक खड़ा रहना चाहिये । तदनन्तर ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिये । तत्पश्चात् मौन होकर स्वयं भी भोजन करना चाहिये । जो मनुष्य इस व्रत का विधिपूर्वक पालन करते हैं, उन्हें भगवान् सूर्यनारायण का अनुग्रह प्राप्त होता है । दिण्डिन् ! संक्रान्ति के दिन यदि रविवार हो तो उसका नाम हृदयवार होता है । वह आदित्य के हृदय को अत्यन्त प्रिय है । उस दिन नक्तव्रत करके मन्दिर में सूर्यनारायण के अभिमुख एक सौ आठ वार ‘आदित्यहृदय’ का पाठ करना चाहिये अथवा सायंकाल तक भगवान् सूर्य का हृदय में ध्यान करना चाहिये । सूर्यास्त होने के पश्चात् घर आकर यथाशक्ति ब्राह्मण को भोजन कराये तथा मौनपूर्वक स्वयं भी खीर का भोजन करके सूर्यदेव का स्मरण करते हुए भूमिपर ही शयन करे । इसप्रकार जो इस दिन व्रत रहकर श्रद्धा-भक्ति से सूर्यनारायण की पूजा करता है, उसके समस्त अभीष्ट सिद्ध हो जाते हैं और वह भगवान् सूर्य के समान ही तेज-कान्ति तथा यश को प्राप्त करता है । (अध्याय ८८ से ९०)See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ 46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० 47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१ 48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३ 49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४ 50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८ 51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९ 52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१ 53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२ 54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५ 55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७ Related