श्रीराधा-माधव यन्त्र

श्रीराधिकाजी का यह यन्त्र राधिका-पंचदशी-यन्त्र कहलाता है । इसका राधाष्टमी (भाद्रपद शु० ८)-के दिन, दीपावली (कार्तिक अमावस्या)-या होलिका पर्व (फाल्गुन पूर्णिमा)-में ताम्र, स्वर्ण, रजत पत्रपर खुदवाकर अथवा भोजपत्रपर अष्टगन्ध से रचनाकर अभिषेक करना चाहिये । पंचगव्य, पंचामृत, गंगाजल अथवा यमुनाजल से स्नान कराने के पश्चात् रक्तवस्त्र या पीतवस्त्र पर यन्त्र को रखकर पंचोपचार, दशोपचार अथवा षोडशोपचार से यथासाध्य पूजनकर नित्य पूजा में रखे । स्व-सम्प्रदायानुसार राधामन्त्र से पूजन करे । यदि साथ में अंकित गोपालयन्त्र को भी उपर्युक्त विधि से प्रतिष्ठितकर, उभय यन्त्रों को नित्य पूजामें रखे, तो श्रीराधाकृष्ण-युगल की कृपाप्राप्ति हो सकती है । साथ-ही-साथ मनोवांछित कामनाएँ सिद्ध होती हैं । श्रीगोपाल यन्त्र तो प्रायः उपलब्ध हो जाता है, परंतु श्रीराधायन्त्र सहसा दृष्टिगोचर नहीं होता।

 

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