December 17, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४२ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १४२ अव्यङ्ग का लक्षण और उसका माहात्म्य एक बार साम्ब ने महर्षि व्यास से मगों द्वारा धारण किये जाने वाले अव्यङ्ग के विषय में जिज्ञासा की । व्यासजी ने कहा — साम्ब ! मैं तुम्हें अव्यङ्ग के विषय में बताता हूँ, उसे सुनो । देवता, ऋषि, नाग, गन्धर्व, अप्सरा, यक्ष और राक्षस ऋतु-क्रम से भगवान् सूर्य के रथ के साथ रहते हैं । यह रथ वासुकि नामक नाग से बँधा रहता है । किसी समय वासुकि नाग का कंचुक (केंचुल) उतरकर गिर पड़ा । नागराज वासुकि के शरीर से उत्पन्न उस निर्मोक (केंचुल) को भगवान् सूर्य ने सुवर्ण और रत्नों से अलंकृतकर अपने मध्य भाग में धारण कर लिया । इसीलिये भगवान सूर्य के भक्त अपने देव की प्रसन्नता के लिये अव्यङ्ग धारण करते हैं । उसके धारण करने से भोजक पवित्र हो जाते हैं और उसपर सूर्यभगवान् का अनुग्रह भी होता है । इस अव्यङ्ग को सर्प के केंचुल की तरह मध्य मे पोला अर्थात् खाली रखना चाहिये । यह एक वर्ण का होना चाहिये । कपास के सूत से बना अव्यङ्ग दो सौ अङ्गुल का उत्तम, एक सौ बीस का मध्यम और एक सौ आठ अङ्गुल का कनिष्ठ होता है, अतः इससे छोटा नहीं होना चाहिये । यज्ञोपवीत की तरह आठवें वर्ष में अव्यङ्ग धारण करना चाहिये । भोजकों के लिये यह मुख्य संस्कार है । इसके धारण करने से वह सभी क्रिया का अधिकारी होता है । यह अव्यङ्ग सर्वदेवमय, सर्ववेदमय, सर्वलोकमय और सर्वभूतमय है । इसके मूल में विष्णु, मध्य में ब्रह्मा और अन्त में शशाङ्कमौलि भगवान् शिव निवास करते हैं । इसी तरह ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद क्रमशः मूल, मध्य और अग्रभाग में रहते हैं, अथर्ववेद ग्रन्थि में स्थित रहता है । पृथ्वी, जल, तेज, वायु, आकाश और भूर्लोक, भुवर्लोक तथा स्वर्लोक आदि सातों लोक अव्यङ्ग में निवास करते हैं । सूर्यभक्त भोजक को सभी समय अव्यङ्ग धारण कर भगवान् सूर्य की उपासना करनी चाहिये । (अध्याय १४२) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ 46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० 47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१ 48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३ 49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४ 50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८ 51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९ 52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१ 53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२ 54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५ 55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७ 56. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९० 57. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९१ से ९२ 58. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९३ 59. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९४ से ९५ 60. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९६ 61. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९७ 62. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९८ से ९९ 63. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०० से १०१ 64. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०२ 65. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०३ 66. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०४ 67. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०५ से १०६ 68. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०७ से १०९ 69. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११० से १११ 70. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११२ 71. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 72. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 73. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११६ 74. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११७ 75. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११८ 76. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११९ 77. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२० 78. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२१ से १२४ 79. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२५ से १२६ 80. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२७ से १२८ 81. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२९ 82. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३० 83. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३१ 84. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३२ से १३३ 85. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३४ 86. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३५ 87. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३६ से १३७ 88. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३८ 89. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३९ से १४१ Related