December 18, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४६ से १४७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १४६ से १४७ उत्तम एवं अधम भोजकों के लक्षण राजा शतानीक ने पूछा — मुने ! भगवान् सूर्य को पूजा करने वाले भोजक दिव्य, उनसे उत्पन्न एवं उन्हें अत्यन्त प्रिय हैं । इसलिये वे पूज्य हुए किंतु वे अभोज्य कैसे कहलाते हैं, इस विषय में आप बतलायें ?सुमन्तु मुनि ने कहा — राजन् ! मैं इस विषय में भगवान् वासुदेव तथा कृतवर्मा के द्वारा हुए संवाद को अत्यन्त संक्षेप में बतला रहा हूँ । किसी समय नारद और पर्वत—ये दोनों मुनि साम्बपुर गये । वहाँ उन्होंने भोजकों के यहाँ भोजन किया, अनन्तर वे दोनों विमान पर आरूढ़ हो द्वारकापुरी में आ गये । उनके विषय में कृतवर्मा को शंका हुई कि सूर्य के पूजक होने से भोजकों का अन्न अग्राह्य है, फिर नारद तथा पर्वत— इन दोनों ने उनका अन्न कैसे ग्रहण किया ? इसपर वासुदेव ने कृतवर्मा से कहा — जो भोजक अव्यङ्ग धारण नहीं करते और बिना अव्यङ्ग के तथा बिना स्नान किये भगवान् सूर्य की पूजा करते हैं और शूद्र का अन्न ग्रहण करते हैं तथा देवार्चा का परित्याग कर कृषि-कार्य करते हैं, जिनके जातकर्मादि संस्कार नहीं हुए हैं, शङ्ख धारण नहीं करते, मुण्डित नहीं रहते— वे भोजकों में अधम हैं । ऐसे भोजक द्वारा किये गये देवार्चन, हवन, स्नान, तर्पण, दान तथा ब्राह्मण-भोजन आदि सत्कर्म भी निष्फल होते हैं । इसीसे अशुचि होनेके कारण वे अभोज्य कहे गये हैं । भगवान् सूर्य के नैवेद्य, निर्माल्य, कुंकुम आदि शूद्रों के हाथ बेचने वाले, भगवान् सूर्य के धन को अपहृत करनेवाले भोजक उन्हें प्रिय नहीं हैं तथा वे भोजकों में अधम हैं। जो भोजक भगवान् को भोग लगाये बिना भोजन कर लेते हैं, उनका वह भोजन उन्हें नरक प्राप्त करानेवाला बन जाता है । अतः भगवान् सूर्य को अर्पण करके ही नैवेद्य भक्षण करना चाहिये, इससे शरीर की शुद्धि होती है । वासुदेव ने पुनः बतलाया — कृतवर्मन् ! भोजकों की प्रियता के विषय में भगवान् सूर्य ने अरुणको जो बतलाया, उसे आप सुनें — जो भोजक पर-स्त्री तथा पर-धन का हरण करते हैं, देवताओं तथा वेदों के निन्दक हैं, वे मुझे अप्रिय हैं । उनके द्वारा की गयी पूजा तथा प्रदान किये गये अर्घ्य को मैं ग्रहण नहीं करता । जो भगवती महाश्वेता का यजन नहीं करते एवं सूर्य मुद्राओं को नहीं जानते तथा मेरे पार्षदों का नाम नहीं जानते, वे मेरी पूजा करने के अधिकारी नहीं हैं और न मेरे प्रिय हैं । इसके विपरीत देव, द्विज, मनुष्य, पितरों की पूजा करनेवाले, मुण्डित सिरवाले, अव्यङ्ग धारण करनेवाले, शङ्खध्वनि करनेवाले, क्रोधरहित, तोनों काल में स्नान एवं पूजन करनेवाले भोजक मुझे अत्यन्त प्रिय हैं एवं मेरे पूजन के अधिकारी हैं । जो रविवार के दिन षष्ठी तिथि पड़ने पर नक्तब्रत तथा सप्तमी एवं संक्रान्ति में उपवास करते हैं एवं मुझमें विशेष भक्ति रखते हुए मेरे भक्त ब्राह्मणों की पूजा करते हैं तथा देव, ऋषि, पितर, अतिथि और भूत-यज्ञ-इन पाँचों का अनुष्ठान करते हैं, एकभुक्त होकर सूर्यपूजा करते हैं तथा सांवत्सरिक, पार्वण, एकोद्दिष्ट आदि श्राद्ध सम्पन्न करते हैं और उन तिथियों में दान देते हैं, वे भोजक मुझे अत्यन्त प्रिय हैं तथा जो भोजक माघ मासकी सप्तमीको करवीर-पुष्प, रक्तचन्दन, मोदकका नैवेद्य, गुग्गुल धूप, दूध, शङ्खादि वाद्य-ध्वनि, पताका तथा छत्रादिसे मेरी पूजा करते हैं, घृतकी आहुति देकर हवन करते हैं तथा पुराणवाचक ब्राह्मणों की पूजा करते हैं, ये मुझे प्रिय हैं । इतना कहकर भगवान् सूर्यदेव सुमेरु गिरि को ओर बढ़ गये । सुमन्तु मुनि बोले — राजन् ! अधिक कहने से क्या लाभ, क्योंकि जैसे वेद से श्रेष्ठ अन्य कोई शास्त्र नहीं गङ्गा के समान कोई नदी नहीं, अश्वमेध के समान कोई यज्ञ नहीं, पुत्र-प्राप्ति के समान कोई सुख नहीं, माता के समान कोई आश्रय नहीं और भगवान् सूर्य के समान कोई देवता नहीं, वैसे ही भोजकों के समान भगवान् सूर्य के अन्य कोई प्रिय नहीं हैं । (अध्याय १४६-१४७) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ 46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० 47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१ 48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३ 49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४ 50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८ 51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९ 52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१ 53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२ 54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५ 55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७ 56. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९० 57. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९१ से ९२ 58. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९३ 59. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९४ से ९५ 60. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९६ 61. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९७ 62. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९८ से ९९ 63. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०० से १०१ 64. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०२ 65. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०३ 66. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०४ 67. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०५ से १०६ 68. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०७ से १०९ 69. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११० से १११ 70. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११२ 71. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 72. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 73. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११६ 74. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११७ 75. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११८ 76. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११९ 77. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२० 78. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२१ से १२४ 79. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२५ से १२६ 80. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२७ से १२८ 81. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२९ 82. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३० 83. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३१ 84. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३२ से १३३ 85. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३४ 86. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३५ 87. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३६ से १३७ 88. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३८ 89. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १३९ से १४१ 90. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४२ 91 भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४३ 92. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४४ 93. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १४५ Related