Print Friendly, PDF & Email

भगवान् श्री गणेश की साधनाएँ (१) श्री सिद्ध-विनायक-व्रत ‘श्री सिद्ध-विनायक-व्रत’ भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को करे। पहले निम्न-लिखित मन्त्र का १००० या अधिक ‘जप’ करे। यथा- “सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवन्ता हतः। सुकुमार कामरोदीस्तव ह्येषः स्यमन्तकः।।” फिर श्री गणेश जी का षोडशोपचार पूजन कर, २१ मोदकों का नैवेद्य रखे। तब २१ दूर्वा लेकर उन्हें गन्ध-युक्त करे और… Read More


Print Friendly, PDF & Email

श्रीऋद्धि-सिद्धि सहित श्रीगणेश-साधना ‘कलौ चण्डी-विनायकौ’– कलियुग में ‘चण्डी’ और ‘गणेश’ की साधना ही श्रेयस्कर है। सच पूछा जाए, तो विघ्न-विनाशक गणेश और सर्व-शक्ति-रुपा माँ भगवती चण्डी के बिना कोई उपासना पूर्ण हो ही नहीं सकती। ‘भगवान् गणेश’ सभी साधनाओं के मूल हैं, तो ‘चण्डी’ साधना को प्रवहमान करने वाली मूल शक्ति है। यहाँ भगवान् गणेश… Read More


Print Friendly, PDF & Email

सर्व-सिद्धि-प्रद श्रीगणेश-कवच भगवान् गणेश का ध्यान कर, मानसोपचारों से उनका पूजन करे। तब निम्न ‘कवच-स्तोत्र’ का पाठ करे॰॰॰॰॰ श्रृणु वक्ष्यामि कवचं, सर्व-सिद्धि-करं प्रिये ! पठित्वा धारयित्वा च, मुच्यते सर्व-सङ्कटात्।। आमोदश्च शिरः पातु, प्रमोदश्च शिखोपरि। सम्मोदो भ्रू-युगे पातु, भ्रू-मध्ये तु गणाधिपः।। गण-क्रीडो नेत्र-युग्मे, नासायां गण-नायकः। गण-क्रीडान्वितः पातु, वदने सर्व-सिद्धये।। जिह्वायां सुमुखः पातु, ग्रीवायां दुर्मुखः सदा। विघ्नेशो… Read More