भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१६ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१६ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २१६ ब्राह्मपर्व—श्रवण का माहात्म्य, पुराण-श्रवण की विधि, पुराणों तथा पुराणवाचक व्यासकी महिमा सुमन्तुजी ने कहा — राजन् ! भविष्यपुराण के इस प्रथम ब्राह्मपर्व के सुनने से मानव सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है तथा… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१५ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१५ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २१५ निम्ब-सप्तमी तथा फल-सप्तमी-व्रत का वर्णन सुमन्तुजी ने कहा — हे वीर ! अब मैं तृतीय निम्ब-सप्तमी (वैशाख शुक्ल-सप्तमी)— की विधि बता रहा हूँ, आप सुने । इसमें निम्ब-पत्र का सेवन किया जाता है ।… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१२ से २१४ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१२ से २१४ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २१२ से २१४ मरिच-सप्तमी-व्रत-वर्णन सुमन्तुजीने कहा — हे वीर ! मैंने तुमको अर्क-सम्पुटिका-व्रत की संक्षिप्त विधि बतलायी । अब मरिच-सप्तमी का वर्णन कर रहा हूँ, इसमें मरिच का भक्षण किया जाता है ।… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१० से २११ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१० से २११ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २१० से २११ अर्कसम्पुटिका-सप्तमीव्रत-विधि, सप्तमी-व्रत-माहात्म्य में कौथुमि का आख्यान सुमन्तुजी बोले — राजन् ! फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अर्क-सप्तमी कहते हैं । इसमें षष्ठी को उपवास रहकर स्नान करके… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०८ से २०९ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०८ से २०९ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २०८ से २०९ सप्त-सप्तमी तथा द्वादश मास-सप्तमी-व्रतों का वर्णन शतानीक ने कहा — मुने ! भगवान् भास्कर को अति प्रिय जिन अर्क-सम्पुटिका आदि सात सप्तमी-व्रतों की आपने पूर्व में चर्चा की है, उन्हें… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०३ से २०७ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २०३ से २०७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – २०३ से २०७ भगवान् भास्कर के व्योम-पूजन की विधि तथा आदित्य-माहात्म्य विष्णु भगवान् ने पूछा — हे सुरश्रेष्ठ चतुरानन ! अब आप भगवान् आदित्य के व्योम-पूजन की विधि बतलाये । अष्ट-शृङ्गयुक्त व्योमस्वरूप भगवान्… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९८ से २०२ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९८ से २०२ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १९८ से २०२ सूर्यनारायण की महिमा, अर्घ्य प्रदान करनेका फल तथा आदित्य-पूजन की विधियाँ महाराज शतानीक ने कहा — सुमन्तु मुने ! इस लोक में ऐसे कौन देवता हैं जिनकी पूजा-स्तुति करके सभी… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९४ से १९७ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९४ से १९७ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १९४ से १९७ स्वप्न-फल-वर्णन तथा उदक-सप्तमी-व्रत भगवान् सूर्य ने कहा — हे खगश्रेष्ठ ! व्रती को चाहिये कि जप, होम आदि सभी क्रियाओं को विधिपूर्वक सम्पन्न कर देवाधिदेव भगवान् सूर्य का ध्यान करता… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९३ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९३ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १९३ सप्तमी-व्रत में दन्तधावन-विधि-वर्णन भगवान् सूर्य ने कहा — विनतानन्दन अरुण ! अयनकाल, विषुवकाल, संक्रान्ति तथा ग्रहणकाल में सदा भगवान् सूर्य की पूजा करनी चाहिये । सप्तमी में तो विशेषरूप से उनकी पूजा करनी चाहिये… Read More
भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९० से १९२ भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९० से १९२ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १९० से १९२ पातक, उपपातक, यममार्ग एवं यमयातना का वर्णन सप्ताश्चतिलक भगवान् सूर्य ने कहा — खगश्रेष्ठ ! मानसिक, याचिक तथा कायिक— भेद से पाप अनेक प्रकार के होते हैं, जो नरक-प्राप्ति के… Read More