देह बाँधना देह बाँधना मन्त्रः- “धार राखै बारका, सीस राखै सोखा बीर । नाड़ी राखै नाहर सिंह, कपाल राखै, जोगनी । आगा राखै इन्द्र सिंह, पाछा राखै भीम सिंह । बारा कोस अगाड़ी राख, बारा कोस पिछाड़ी राख । तू जो कहै गौरा, मेरा प्रण न राखै, तो गौरा पारबती महा-देव की आन ।।”… Read More
कुश्ती जीतना तथा अखाड़ा बाँधना शाबर-मन्त्र-वल्लरी कुश्ती जीतना तथा अखाड़ा बाँधना मन्त्रः- “ॐ महाबीर रणधीर बाँके पहलवान, आकाश बाँध, पाताल बाँध, अखाड़े के चारों कोने बाँध, दुश्मन का सीना बाँध, हाथ बाँध, पांव बाँध, निगाह बाँध, इतने बाँध के जेर न करे, तो माता अञ्जनी का दूध हराम करे, राजा रामचन्द्र जी की दुहाई ।।”… Read More
अभिचार-नाशक मन्त्र 02 अभिचार-नाशक मन्त्र मन्त्रः- “हनुमान वीर बैठे मसान, जो मन भावे सो प्रमाण । पञ्जे अङ्गी, पञ्जे मुट्ठी । छेवाँ गुग्गल, होया प्रकाश । मोहनी-दोहनी दोनों बहनाँ, हत्थ में तक्की तेल- कड़ावाँ । तेल हमारे मुख में चढ़े । सार का तड़ाग, रूपे का लँगोट । हनुमान वीर सुत्ते ताँ जाग हमारे पास । भूत-प्रेत को… Read More
अभिचार-नाशक मन्त्र 01 अभिचार-नाशक मन्त्र मन्त्रः- “अग्नि का घोड़ा, बिजली की लगाम, जहाँ चढ़े हनुमान वीर, पठान लाल खान-जवान । क्या करता आया? भन्न के भसूड़ी, कढ़ के कलेजा, उस दुश्मन का खाया । जिसने ‘फलाने’ पर बार चलाया । सवा घड़ी में उसका स्यापा पाया । देखां हनुमान वीर, पठान लाल खान- जवान, तेरे इल्म चोट का… Read More
शत्रु-नाश के लिए शत्रु-नाश के लिए विधिः- उक्त मन्त्र को ग्यारह हजार की सख्यां में जप कर सिद्ध कर लें । जब प्रयोग करना हो, तो रात्रि में श्मशान जाकर राई व सरसों के तेल से चिता में १०८ आहुतियाँ दे । यह प्रयोग तीन रात्रि करें ।… Read More
श्रीहनुमत जंजीरा श्रीहनुमत जंजीरा (१) “ॐ गुरु जी । हनुमान पेलवान । बारे बरस का जुवान, हाथ में गदा – मुख में पान । ज्याँ समरूँ, त्याँ आगेवान । लुवे की पेटी – वज्र का ताला, पापी पाखण्डी का मुँह काला । जती सति का बोल – बाला, हमेरा पण्ड की रक्षा करो श्रीबजरङ्गवाला । सबद साचा,… Read More
कार्य की सफलता के लिए कार्य की सफलता के लिए मन्त्र :- “सूर शिरोमनि साहसी, सुमति समीर-कुमार ! अगम सुगम सब काम करु, कर-तल सिद्धि बिचार ।।”… Read More
गाय की चोरी होने पर किसान बन्धुओं के लिए मन्त्र गाय की चोरी होने पर मन्त्रः- “ॐ नमो आदेश । गुरु जी को आदेश । गुरू की क्रिया भण्डारी । धनञ्जय देवेन्द्रनाथ उतारी । बाबा हमदे । गाय गुरु के परि सुखे । नदी को चलवे तीर । गाय गोरख की । बखरी मच्छिन्द्र की । भय से राजा बारसव… Read More
छत्तीसगढ़ के अनुभूत शाबर मन्त्र छत्तीसगढ़ के अनुभूत शाबर मन्त्र प्रस्तुत शाबर मन्त्र अनुभूत हैं और अल्प मात्रा में जपने पर ही सिद्ध हो जाते हैं । इन मन्त्रों को सिद्ध करने के लिए नव-रात्रि, दीपा-वली, होली, ग्रहण, अमावस्या आदि पर्व उपयुक्त माने गए हैं । इन मन्त्रों को सिद्ध करने के पहले ‘गुरु – सर्वार्थ साधन मन्त्र’ और ‘शरीर-… Read More
भूत-प्रेत बाँधने के मन्त्र भूत-प्रेत बाँधने के मन्त्र (१) “बडका ताल के पेड़ माँ बँधाय जञ्जीरा । खाले माँ बाजे झाँझ-मँजीरा और बाजे तबला निशान । भाग-भाग रे भूत – मसान, पहुँचत है पञ्च-मुखा हनुमान । मोर फूँकें, मोर गुरू के फूँकें । गौरा महा-देव के फूँकें । जा रे, भूत बँधा जा ।… Read More