शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 42 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 42 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बयालीसवाँ अध्याय भगवान् शिव का देवता आदिपर अनुग्रह, दक्षयज्ञ-मण्डप में पधारकर दक्ष को जीवित करना तथा दक्ष और विष्णु आदि द्वारा शिव की स्तुति ब्रह्माजी बोले — [हे नारद!] मुझ ब्रह्मा, लोकपाल, प्रजापति तथा मुनियोंसहित विष्णु के अनुनय-विनय करने पर परमेश्वर… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 41 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 41 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः इकतालीसवाँ अध्याय देवताओं द्वारा भगवान् शिव की स्तुति विष्णु आदि बोले — हे देवदेव ! हे महादेव ! लोकाचार का प्रदर्शन करनेवाले हे प्रभो ! आपकी कृपा से हमलोग आप परमेश्वर शम्भु को परम ब्रह्म मानते हैं ॥ १ ॥ हे… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 40 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 40 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चालीसवाँ अध्याय देवताओं सहित ब्रह्मा का विष्णुलोक में जाकर अपना दुःख निवेदन करना, उन सभी को लेकर विष्णु का कैलासगमन तथा भगवान् शिवसे मिलना नारदजी बोले — हे विधे ! हे महाप्राज्ञ ! हे शिवतत्त्व के प्रदर्शक ! आपने अत्यन्त अद्भुत… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 39 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 39 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः उनतालीसवाँ अध्याय श्रीविष्णु और देवताओं से अपराजित दधीचि द्वारा देवताओं को शाप देना तथा राजा क्षुव पर अनुग्रह करना ब्रह्माजी बोले — [नारद !] भक्तवत्सल भगवान् विष्णु राजा क्षुव के हितसाधन के लिये ब्राह्मण का रूप धारणकर दधीचि के आश्रम में… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 39 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 39 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः उनतालीसवाँ अध्याय श्रीविष्णु और देवताओं से अपराजित दधीचि द्वारा देवताओं को शाप देना तथा राजा क्षुव पर अनुग्रह करना ब्रह्माजी बोले — [नारद !] भक्तवत्सल भगवान् विष्णु राजा क्षुव के हितसाधन के लिये ब्राह्मण का रूप धारणकर दधीचि के आश्रम में… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 38 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 38 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः अड़तीसवाँ अध्याय दधीचि मुनि और राजा क्षुव के विवाद का इतिहास, शुक्राचार्य द्वारा दधीचि को महामृत्युंजयमन्त्र का उपदेश, मृत्युंजयमन्त्र के अनुष्ठान से दधीचि को अवध्यता की प्राप्ति सूतजी बोले — अत्यन्त बुद्धिमान् ब्रह्मा का यह वचन सुनकर द्विजश्रेष्ठ नारद विस्मित होकर… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 37 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 37 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सैंतीसवाँ अध्याय गणों सहित वीरभद्र द्वारा दक्षयज्ञ का विध्वंस, दक्षवध, वीरभद्र का वापस कैलास पर्वत पर जाना, प्रसन्न भगवान् शिव द्वारा उसे गणाध्यक्ष पद प्रदान करना ब्रह्माजी बोले — सभी शत्रुओं के विनाशक, महाबलवान् वीरभद्र भगवान् विष्णु के साथ युद्ध में… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 36 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 36 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छत्तीसवाँ अध्याय युद्ध में शिवगणों से पराजित हो देवताओं का पलायन, इन्द्र आदि के पूछने पर बृहस्पति का रुद्रदेव की अजेयता बताना, वीरभद्र का देवताओं को युद्ध के लिये ललकारना, श्रीविष्णु और वीरभद्र की बातचीत ब्रह्माजी बोले — उस समय [शिवतत्त्वरूपी]… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 35 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 35 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पैंतीसवाँ अध्याय दक्ष द्वारा यज्ञ की रक्षा के लिये भगवान् विष्णु से प्रार्थना, भगवान् का शिवद्रोहजनित संकट को टालने में अपनी असमर्थता बताते हुए दक्ष को समझाना तथा सेनासहित वीरभद्र का आगमन दक्ष बोले — हे देवदेव ! हे हरे !… Read More
शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 34 शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 34 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौंतीसवाँ अध्याय दक्ष तथा देवताओं का अनेक अपशकुनों एवं उत्पातसूचक लक्षणों को देखकर भयभीत होना ब्रह्माजी बोले — इस प्रकार गणोंसहित वीरभद्र के प्रस्थान करने पर दक्ष तथा देवताओं को अनेक प्रकार के अशुभ लक्षण दिखायी पड़ने लगे ॥ १ ॥… Read More